G20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए 'प्रेसीडेंट ऑफ भारत' संबोधित करने के बाद बहस चल रही है कि केंद्र सरकार देश का नाम इंडिया की बजाय भारत कर देगी।
आधिकारिक रूप से दोनों नाम इस्तेमाल होते हैं। अंग्रेजी में इंडिया और हिंदी में भारत। हालांकि, अगर केंद्र सरकार सिर्फ भारत नाम घोषित करती है तो इसमें पैसे भी खर्च होंगे।
भारत के कई राज्यों और शहरों का नाम बदला है। अगर किसी शहर का नाम बदला जाए तो रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें तकरीबन 200-500 करोड़ रुपए तक खर्च आता है।
अगर किसी राज्य के नाम बदला जाए तो इस पूरी प्रक्रिया में कुल खर्च 500 करोड़ से कहीं ज्यादा हो सकता है।
जब किसी शहर या राज्य का नाम बदलने पर कई सौ करोड़ रुपए खर्च होता है तो देश का नाम बदलने पर यह खर्च कहीं ज्यादा हो सकता है।
आउटलुक की एक रिसर्च स्टोरी के मुताबिक, साल 2018 में स्वाजीलैंड नाम के एक छोटे से अफ्रीकी देश का नाम बदलकर ईस्वातिनी किया गया। जिसमें करीब 60 मिलियन डॉलर खर्च आया था।
इसी आधार पर अगर आंकड़े निकाले जाएं तो अगर अपने देश का नाम इंडिया से सिर्फ भारत होता है तो इसे बदलने में करीब 14,000 करोड़ रुपए तक खर्च आ सकता है।