4 महीने की उम्र में अरबपति बनने वाले एकाग्र रोहन मूर्ति नारायण मूर्ति ने पोते हैं। दादा ने उन्हें 240 करोड़ के 15 लाख शेयर गिफ्ट किए हैं, जो कंपनी में 0.04% हिस्सेदारी है।
पोते एकाग्र रोहन को शेयर्स गिफ्ट करने के बाद इंफोसिस में नारायण मूर्ति की हिस्सेदारी अब 0.40% से घटकर 0.36% रह गई है। एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी गई है।
करीब 4 महीने पहले 10 नवंबर, 2023 को नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और बहू अपर्णा कृष्णन पैरेंट्स बने थे। तब नारायण मूर्ति ने संस्कृत के शब्द एकाग्र पर पोते का नाम रखा।
एकाग्र से पहले इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की दो नातिन भी हैं।जिनका नाम कृष्णा सुनक, अनुष्का सुनक है। दोनों ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की बेटी हैं
नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से PhD किया है। उनकी उम्र 40 साल है। रोहन मूर्ति एक सॉफ्टवेयर फर्म के मालिक हैं, जो डेटा प्रोसेसिंग का काम करती है।
इंफोसिस की शुरुआत 1981 में 250 डॉलर में की गई थी। आज यह देश की सबसे सम्मानित कंपनियों में से एक है। नारायण मूर्ति इसके को-फाउंडर हैं और उन्हें इसमें पत्नी सुधा मूर्ति की मदद मिली।
नारायण मूर्ति इंफोसिस में 1981 से 2002 तक CEO रहे। 2002 से 2006 तक बोर्ड चेयरमैन रहे। अगस्त 2011 में रिटायर हो गए। हालांकि, 2013 में एग्जिक्यूटिव चेयरमैन बनकर कंपनी में वापसी की।