इजराइल पिछले 4 महीने से ज्यादा समय से जंग लड़ रहा है। उसका फोकस गाजा से हमास का वजूद खत्म करना है। इसका असर दोनों जगहों पर पड़ रहा है। इजराइल की इकोनॉमी भी प्रभावित हो रही है।
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 से शुरू इजराइल-हमास युद्ध का असर GDP पर पड़ रहा है। 2023 की चौधी तिमाही में इजराइल की जीडीपी 19% गिरी थी।
हाल में बैंक ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 के आखिरी तक इजराइल का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 206.828 बिलियन डॉलर पहुंच गया है।
जंग में आशंका थी कि इजराइल अपनी मुद्रा मजबूत बनाने विदेशी रिजर्व बेचेगा लेकिन उसका भंडार बढ़ गया। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से फरवरी तक खजाने में 703 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
बैंक के अनुसार, यह बढ़ोतरी Revaluation का नतीजा है। इसमें कुछ हद तक भरपाई इजराइली सरकार की करीब 244 मिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा गतिविधियों से हो गई है।
अक्टूबर 2023 में इजराइल का विदेशी मुद्रा भंडार 191 अरब डॉलर था। नवंबर में 198, दिसंबर में 204, जनवरी में 206 और फरवरी 2024 में करीब 207 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
बैंक ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल का विदेशी मुद्रा भंडार दिसंबरस 2021 में रिकॉर्ड 213 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। उसके बाद अब इसमें इतना इजाफा हुआ है।
7 अक्टूबर 2023 से इजराइल-हमास का युद्ध चल रहा है। 1200 इजराइली नागरिक मारे गए, 250 को बंधक बनाया गया था। इजराइल की जवाबी कार्रवाई में अब गाजा में करीब 30 हजार मौतें हो चुकी हैं।