चुनाव आयोग शनिवार 16 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान और मतगणना तारीखों का ऐलान करेगा। उम्मीद है कि पूरा चुनाव 6-7 चरणों में संपन्न होगा। इससे पहले जानें EC की ताकत।
संविधान लागू होने से 1 दिन पहले निर्वाचन आयोग बनाया गया। यह स्वतंत्र-अर्ध-न्यायिक संस्था है। जिसका काम निष्पक्ष चुनाव कराना है। मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं
15 अक्टूबर, 1989 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ही चुनाव आयोग का नेतृत्व करते थे। इसके बाद इसमें बदलाव कर तीन सदस्यीय निकाक बना दिया गया। हालांकि, ये व्यवस्था 1993 से लागू हुई।
वर्तमान में राजीव कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त और ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधु चुनाव आयुक्त हैं। चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, राज्यसभा, विधानमंडल और राष्ट्रपति चुनाव कराता है।
ग्राम पंचायत, नगर पालिका, महानगर परिषद, तहसील और जिला परिषद जैसे चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग कराता है, जो भारतीय चुनाव आयोग के निर्देश और नियमों में ही काम करता है।
चुनाव आयोग को देश की कोई दूसरी संस्था न कंट्रोल और ना ही आदेश दे सकती है। यह अकेली संस्था है, जो चुनाव के सभी कार्यक्रम तय करती है। निष्पक्ष चुनाव कराना भी उसी का काम है।
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के मुताबिक, राष्ट्रपति किसी राज्यपाल को निर्वाचन अधिसूचना जारी करने का अधिकार दे सकते हैं लेकिन उन्हें भी निर्वाचन आयोग से सलाह लेना पड़ता है।
चुनाव आयोग को चुनावी घोषणा के साथ संबंधित सीमाओं में आदर्श आचार संहिता लागू करने का अधिकार है। संविधान में इसका कोई जिक्र नहीं, लेकिन निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग इसे लागू करता है।
आचार संहिता में प्रचार-प्रचार खर्च, भीड़, संयमित भाषण पर नजर रखना, विजयी प्रत्याशियों की लिस्ट राज्यों को सौंपने, गाइडलाइन उल्लंघन पर कार्रवाई करने का काम चुनाव आयोग का है।