18वीं लोकसभा चुनाव के प्रचार के बीच राजनीतिक दलों को मिले चंदे को लेकर चर्चाएं हैं। कांग्रेस इनकम टैक्स विभाग पर गलत कारणों से अकाउंट फ्रीज करने का आरोप लगा रही है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 13A के तहत देश में राजनीतिक दलों को इनकम पर 100% की मिली है। हालांकि, इसके लिए कुछ क्राइटेरिया भी पूरी करनी होती है।
सभी राजनीतिक दलों के लिए रिकॉग्नाइज प्रोविडेंट फंड के सेक्शन 29A में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, बुक्स का अकाउंट मेंटेन करना होता है। सभी ट्रांजैक्शन और डोनेशन का हिसाब रखना होता है।
चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों को इन सभी की पूरी जानकारी चुनाव आयोग और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है। जिसमें 20,000 से ज्यादा के डोनेशन का जिक्र करना होता है।
अगर राजनीतिक पार्टियां 13ए के प्रावधानों पर रिपोर्ट नहीं दे पाती हैं तो उन्हें इनकम टैक्स के सेक्शन 13A के तहत कोई छूट नहीं मिलती है और फिर उन्हें टैक्स भरना पड़ता है।
इनकम टैक्स के नियम के अनुसार, राजनीतिक पार्टियां किसी भी तरह की कोई व्यावसायिक गतिविधियां नहीं कर सकती हैं और ना ही किसी आयोजनों से मुनाफा कमा सकती हैं।
राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को उसी काम में खर्च किया जाता है। उसे पार्टियां बैंक में जमा कर सकती हैं, उसकी प्रॉपर्टी खरीद सकती हैं या पार्टी से जुड़ा कोई काम कर सकती हैं।