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77 साल में 250 गुना बढ़ी सांसदों की सैलरी, जानें कितना था पहला वेतन

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एक सांसद की सैलरी कितनी है

सांसदों की सैलरी का प्रावधान 'द सैलरी, अलाउंस एंड पेंशन ऑफ मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट एक्ट' 1954 में है।। वर्तमान में सांसद की बेसिक सैलरी 1 लाख, चुनाव क्षेत्र का भत्ता 45,000 रुपए है

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6 साल पहले कितनी थी सांसदों की सैलरी

साल 2018 की शुरुआत तक सांसदों की बेसिक सैलरी 50,000 रुपए थी। उन्हें कई सारी सुविधाएं भी मिलती हैं।

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सांसदों की पहली सैलरी कितनी थी

एक RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1947 में देश की आजादी के बाद अगले डेढ़ दशकों तक सांसदों की सैलरी 400 रुपए हुआ करती थी, जो 1964 में बढ़कर 500 रुपए हो गया था।

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77 साल में कितनी बढ़ी सांसदों की सैलरी

इस तरह 77 सालों सांसदों की सैलरी 250 गुना से ज्यादा बढ़ गई है। उन्हें कई सुविधाएं भी दी जाती हैं। इनमें मुफ्त मकान, बिजली, फोन, यात्रा और चिकित्सा जैसी कई सुविधाए हैं।

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सांसदों को कौन-कौन से भत्ते मिलते हैं

संसद सत्र दौरान दैनिक भत्ता 2,000 रु., निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रु. महीने, कार्यालय व्यय भत्ता 60,000 महीना, यात्रा भत्ता जिसमें फर्स्ट क्लास एसी या एग्जक्यूटिव क्लास का पास।

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पूर्व सांसदों को पेंशन कितना मिलता है

एक बार सांसद बनने के बाद पेंशन मिलने लगता है। एक पूर्व सांसद को 25,000 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। सेवा के हर अतिरिक्त साल के लिए 1,500 रुपए का इजाफा भी होता है।

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सांसदों की सैलरी कब कितनी हुई

1947 में 400 रु, 1964 में 500 रु, 1983 में 750 रु, 1985 में 1000 रु, 1988 में 1500 रु, 1998 में 4000 रु, 2001 में 12000 रु, 2006 में 16000 रु, 2009 में 50000 रु, 2018 में 1 लाख रु.

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