अमेरिकी निवेशक बेंजामिन ग्राहम ने एक बार कहा था कि किसी भी निवेशक का सबसे बड़ा दुश्मन उसका खुद का व्यक्तित्व हो सकता है। पूर्वाग्रहों के चलते वे पैसा लगाने में गलतियां कर बैठते हैं
राकेश झुनझुनवाला ने कहा था 'बाजार खुद राजा है, यहां कोई राज नहीं कर सकता। कई निवेशक भ्रम में रहते हैं कि उन्होंने बाजार की चाल को समझ लिया है, यही ओवरकॉन्फिडेंस डूबो देता है।'
कई लोग तो दूसरों को देखकर किसी भी शेयर में पैसा लगा देते हैं कि उन्हें इससे प्रॉफिट होगा लेकिन किसी को फॉलो करने से नुकसान हो सकता है। शेयर बाजार में इसे रिस्क माना जाता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर रिटेलर निवेश में भावनाओं में बहकर फैसले लेते हैं। दिमाग नहीं दिल की सुनते हैं, इससे घाटा होता है। इसलिए पैसे लगाने से पहले रिसर्च करना चाहिए।
बहुत से निवेशक पहले पैसा लगाते हैं और फिर दूसरों से राय लेते हैं। उनकी ये आदत उनके मेहनत की कमाई को डूबा सकती है। इसलिए तुरंत आदत बदलें और राय लेने के बाद ही निवेश करें।
रिटेल निवेशक किसी ऐसे शेयर को पकड़ लेते हैं जो अच्छा रिटर्न देता है। शेयर के भाव गिरने पर भी उसे नहीं बेचते और लंबा इंतजार करते हैं।ऐसे शेयर समय पर बेच अच्छे शेयर शामिल कर सकते हैं
कई लोग तो ऐसे भी हैं जो कहीं से उधार या लोन लेकर स्टॉक मार्केट में पैसा लगाते हैं, जो बेहद खतरनाक है। पैसा डूबने पर बड़ा आर्थिक संकट आ सकता है। इसलिए ऐसा करने से हमेशा बचना चाहिए।