अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 9 अगस्त, 1945 को जापान के नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था। ये हिरोशिमा पर किए हमले के तीन दिन बाद हुआ था।
नागासाकी शहर पर अमेरिका ने 'फैटमैन' नाम के परमाणु बम से हमला किया था। इससे करीब 70 हजार लोग मौत के मुंह में समा गए थे।
वहीं 6 अगस्त, 1945 को जापान के हिरोशिमा पर 'लिटिल ब्वॉय' नाम के परमाणु बम से हमला किया गया था। इसमें 76 हजार लोगों की जान चली गई थी।
परमाणु बम नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) के सिद्धांत पर काम करता है। किसी भी परमाणु में तीन कण होते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन कहते हैं।
हर परमाणु के केंद्र में नाभिक होता है। जब परमाणु के नाभिक को तोड़ने के लिए उस पर यूरेनियम 235 से न्यूट्रॉन की बौछार की जाती है तो उनके टूटने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है।
ये प्रॉसेस एक बार शुरू हो जाए तो फिर एक के बाद एक नाभिक टूटते रहते हैं और भारी मात्रा में एनर्जी निकलती है। यह एनर्जी इतनी गर्मी और रेडिएशन पैदा करती है, जिससे भारी तबाही मचती है।
आजकल के परमाणु बम इतने घातक हैं कि इनसे न सिर्फ एक शहर बल्कि पूरे देश को तबाह किया जा सकता है। इनके हमले से पैदा हुई गर्मी इतनी ज्यादा होती है कि लोग झुलस कर ही मर जाते हैं।
परमाणु बम के हमले से निकलने वाले रेडिएशन का असर इतना खतरनाक होता है कि आने वाली कई पीढ़ियां अपाहिज पैदा होती हैं।
सबसे ज्यादा परमाणु बम रूस के पास 5977 हैं। इसके बाद अमेरिका 5428, चीन 350, फ्रांस 290, ब्रिटेन 225, पाकिस्तान, 165, भारत 160, इजराइल 90 और उत्तर कोरिया 20 हैं।
बता दें कि अमेरिकी वैज्ञानिक रॉबर्ट ओपनहेमर को 'परमाणु बम का पिता' माना जाता है। 16 जुलाई, 1945 को उनकी देखरेख में ही पहला परमाणु परीक्षण हुआ था।