पाकिस्तान इन दिनों कंगाली के दौर से गुजर रहा है। अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।मार्च 2024 में ही उसे बर्बाद होने से बचाने के लिए आईएमएफ को बेल आउट पैकेज की तीसरी किस्त जारी करनी पड़ी है
आर्थिक रूप से खराब हालातों से गुजर रहे पाकिस्तान ने 8 महीने में ही चाय पर 43.6 करोड़ डॉलर यानी 3,600 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम खर्च कर डाली है।
पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट 'द न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने जुलाई 2023 से फरवरी 2024 तक 180,509 मीट्रिक टन चाय विदेशों से आयात की है।
इसी अवधि में अगर पिछले साल की बात करें तो पाकिस्तान में कुल 161,056 मीट्रिक टन चाय आयात की गई थी। मतलब साफ है कि कंगाली में भी पाकिस्तान में चाय का शौक चरम पर है।
पाकिस्तान सांख्यिकी विभाग के मुताबिक, इस साल चाय का मासिक खर्च पिछली बार की तुलना में 38.53% बढ़ा है। इस साल हर महीने 18,685 मीट्रिक टन चाय पी गई, जिसकी कीमत 4.5 करोड़ डॉलर है।
पिछले साल 2023 की बात करें तो पाकिस्तान में हर महीने चाय की खपत 15,365 मीट्रिक टन रही थी। तब उसकी कीमत 3.2 करोड़ डॉलर थी।
आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान भले ही चाय पर इतना ज्यादा खर्च कर रहा है लेकिन खाद्य तेल के आयात में जबरदस्त कमी आई है। सोयाबीन तेल आयात 48% और पॉम आयल आयात में 32% की गिरावट हुई है।