इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने नए नियमों में सरेंडर वैल्यू पर इंश्योरेंस कंपनियों और कस्टमर्स को बड़ी राहत दी है।
नए नियमों के अनुसार, पालिसी सरेंडर की अवधि से सरेंडर वैल्यू (Policy Surrender Value) तय की जाएगी। मतलब जितनी ज्यादा पॉलिसी सरेंडर की अवधि होगी, उतनी अधिक सरेंडर वैल्यू मिलेगी।
बीमा नियामक के नए नियम 1 अप्रैल, 2024 से लागू हो जाएंगे। इरडा ने कई नियमों को नोटिफाई भी किया है। इसमें बीमा पॉलिसी वापस या सरेंडर करने से जुड़े चार्ज भी शामिल है।
नए नियम से अगर पॉलिसी खरीदने के 3 साल में वापस की जाती है, तो सरेंडर वैल्यू समान या उससे कम रह सकती है। पॉलिसी को चौथे से 7वें सालष तक वापस करने पर सरेंडर वैल्यू थोड़ी बढ़ सकती है।
सरेंडर वैल्यू का मतलब बीमा कंपनियों के पॉलिसी होल्डर को मैच्योरिटी से पहले पॉलिसी खत्म करने पर भुगतान की रकम से है। पॉलिसी अवधि में 'सरेंडर' करने से कमाई-बचत को भुगतान किया जाता है
पॉलिसी दूसरे साल में सरेंडर करने पर प्रीमियम का 30%, तीसरे साल में 35%, चौथे से 7वें साल में 50% और पॉलिसी पूरे होने के 2 साल पहले सरेंडर होने पर प्रीमियम पेड का 90% हिस्सा मिलेगा।
अगर पॉलिसी तीसरे साल में सरेंडर होने पर कुल प्रीमियम पेड का 75%, चौथे साल में 90% और अगर पॉलिसी पूरे होने के 2 साल पहले सरेंडर हुई तो 90% हिस्सा मिलेगा।
IRDAI ने 8 प्रिंसिपल बेस्ड रेगुलेशंस को मंजूरी दे दी है। यह अमेंडमेंट regulatory governance के लिए काफी अहम होगा। 34 रेगुलेशंस को 6 रेगुलेशंस से बदला और 2 नए रेगुलेशंस आए हैं।