नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक के जेवलिन थ्रो इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। 26 साल के नीरज लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
दुनिया में भाल बनाने वाली तीन बड़ी कंपनियां स्टॉकहोम, स्वीडन की कंपनी Nordic Javelins,हंगरी के बुदाकेस्जी की कंपनी Nemeth Javelins और अमेरिकी की OTE Javelins है।
जेवलिन बनाने वाली दुनिया का नंबर-1 कंपनी स्वीडन की नॉर्डिक स्पोर्ट है। माना जाता है कि तीन बड़े ब्रांड्स वाली कंपनियों से ही ज्यादातर खिलाड़ी भाला लेते हैं।
स्वीडन की Nordic Javelins कार्बन, मेटल, एल्यूमीनियम और ग्लास फाइबर के जेवलिन यानी भाला बनाती है। इनकी कीमत 1.85 लाख से 2 लाख रुपए तक होती है।
हंगरी की कंपनी नेमेथ जेवलिन्स भी भाला बनाने में अलग पहचान रखती है। यह खुरदरी सतह वाली डिजाइन के लिए काफी फेमस है। हंगरी के बुडाकेस्जी में इसकी फैक्ट्री है। कीमत करीब 1.60 लाख है।
अमेरिकी कंपनी ओटीई जेवलिन्स को लेकर दावा किया जाता है कि दुनियाभर के जेवलिन थ्रोअर उनका भाला पसंद करते हैं। कंपनी का कहना है कि उनका भाला मशीन से बनता है।
ओटीई जेवलिन दमदार माना जाता है। इससे जान ज़ेलेज़नी का 1996 का विश्व रिकॉर्ड थ्रो और 2012 लंदन ओलंपिक में बारबरा स्पॉटाकोवा का गोल्ड मेडल जीता था। इसकी कीमत 1 लाख से कम है।
नीरज चोपड़ा किस कंपनी का भाला इस्तेमाल करते हैं, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन माना जाता है कि इन्हीं तीनों कंपनियों में से किसी का भाला ज्यादातर जेवलिन थ्रोअर यूज करते हैं।