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यह होम लोन का प्रोटेक्शन प्लान होता है, जो हर बैंक ऑफर करते हैं। अगर होम लोन लेने के बाद लोन लेने वाली की मौत हो जाए तो इस इंश्योरेंस प्लान के तहत बकाया रकम भर दी जाती है।
होम लोन इंश्योरेंस लेने के बाद उधारकर्ता की मौत होने पर परिवार पर लोन का बोझ नहीं आता है। लोन डिफॉल्ट की चिंता नहीं रहती है, इंश्योरेंस कंपनी पर उसे चुकाने की जिम्मेदारी होती है।
अगर होम लोन का इंश्योरेंस कराया है और बीच में मौत हो जाती है तो होम लोन देने वाला बैंक उस घर या प्रॉपर्टी को नहीं ले सकता है, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी बचे पैसे की भरपाई करती है।
होम लोन इंश्योरेंस अनिवार्य नहीं है लेकिन एक्सपर्ट्स इसे जरूरी मानते हैं। परिवार की सुरक्षा और उनकी फाइनेंशियली मजबूती के लिए होम लोन इंश्योरेंस करवाने की सलाह देते हैं।
लोन लेने वाले बैंक से होम लोन इंश्योरेंस करवा सकते हैं। आजकल कई बैंक लोन की राशि के साथ ही इंश्योरेंस भी जोड़कर देते हैं लेकिन आप इस बीमा को कराएंगे या नहीं, फैसला आपका होता है।
होम लोन इंश्योरेंस एक साथ या EMI में जमा कर सकते हैं। इसका कुल प्रीमियम लोन का 2-3% होता है। होम लोन की EMI के साथ इंश्योरेंस की किस्त भी मंथली कट जाती है।
अगर आप होम लोन किसी और के नाम शिफ्ट कर देते हैं या समय से पहले बंद कर देते हैं तो इंश्योरेंस कवर भी खत्म हो जाता है। इस कंडीशन में आपको इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिलता है।
अगर लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर या प्री-पेमेंट या रिस्ट्रक्चर करवा रहे हैं तो होम लोन इंश्योरेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सुसाइड करने पर भी इस इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिलेगा।