ITR इनकम का पुख्ता प्रूफ होता है। सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थान इनकम प्रूफ के तौर पर एक्सेप्ट करते हैं। आईटीआर भरने वाले को कार, होम लोन या कोई लोन जल्दी और आसानी से मिल जाता है।
विदेश जाने के लिए वीजा का आवेदन करते समय इनकम सर्टिफिकेट मांगा जा सकता है। ऐसे में आईटीआर की मदद से वीजा आसानी से मिल सकता है। इससे पता चल जाता है कि आप खर्च करने में कैपेबल है।
इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन भरा जा रहा है लेकिन अगर इसे मैनुअली भरने पर आईटीआर की रसीद रजिस्टर्ड एड्रेस पर भेजी जाती है। इससे यह इनकम प्रूफ के साथ एड्रेस प्रूफ भी बन जाता है।
शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करने में ITR काम आता है। लॉस होने की कंडीशन में घाटे को अगले साल कैरी फारवर्ड कर इनकम टैक्स में छूट का फायदा पाया जा सकता है।
इंश्योरेंस कवर ज्यादा रखने या 1 करोड़ तक के टर्म प्लान पर इंश्योरेंस कंपनियां इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) मांगती है। इनकम सोर्स और चुकाने को देखने के लिए आईटीआर पर भरोसा करती हैं।
इनकम स्लैब टैक्स में न आने पर भी अगर TDS कटता है तो ITR भरकर रिफंड पा सकते हैं। इसके लिए आईटीआर फाइल करना होगा। इसके बाद विभाग असेसमेंट कर रिफंड बनने पर प्रॉसेस कर देता है।
बिजनेस शुरू करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न जरूरी है। किसी डिपार्टमेंट से कॉन्ट्रैक्ट पाने में भी यह काम आता है। सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट के लिए 5 साल का आईटीआर दिखाना पड़ता है।