सैलरी अकाउंट होने पर जब भी आप बैंक में लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन आसानी से मिल सकती है। आपका क्रेडिट स्कोर जितना बढ़िया होगा, लोन उतना ही ज्यादा मिलता है।
सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी मिलती है लेकिन यह सिर्फ दो साल या इससे ज्यादा समय वाले सैलरी अकाउंट पर ही मिलता है। ओवरड्राफ्ट की लिमिट दो महीने के बेसिक सैलरी जितनी है।
कई बैंक सैलरी अकाउंट पर लॉकर चार्ज में छूट ऑफर करते हैं लेकिन अगर कुछ समय अकाउंट में सैलरी नहीं आएगी, तो इसे वापस भी लिया जा सकता है फिर वह नॉर्मल सेविंग अकाउंट माना जाता है।
सैलरी अकाउंट में जीरो बैलेंस की सुविधा भी मिलती है। तीन महीने तक अकाउंट में जीरो रुपए होने पर भी कोई चार्ज नहीं लगता है। जबकि सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस जरूरी होता है।
सैलरी अकाउंट होने पर कई बैंक ICICI, एक्सिस बैंक, SBI, HDFC एचडीएफसी बैंक एटीएम पर सालाना चार्ज नहीं करते हैं।
कुछ बैंक जैसे- HDFC,ICICI, SBI सैलरी अकाउंट होल्डर्स को लाउंज एक्सेस सुविधा देते हैं। इससे आप फ्री में मल्टी सिटी चेक, फ्री डिमैट अकाउंट और फ्री एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस कर सकते हैं।
सैलरी अकाउंट पर चेकबुक, एटीएम कार्ड, नेट बैंकिंग, और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी बैंक उपलब्ध करवाते हैं।
सैलरी अकाउंट होल्डर्स की मौत होने पर 20 लाख रुपए तक का पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस मिलता है। यह सुविधा करीब-करीब हर बैंक देता है।