सबसे बड़ा सवाल कि क्या हर बार प्रीपेमेंट करना सही होता है? एक्सपर्ट्स का जवाब है- नहीं, देश में कई ऐसे बैंक हैं, जो समय से पहले लोन चुकाने पर ग्राहक पर पेनल्टी लगाते हैं।
बैंक तय समय तक के लिए लोन देते हैं, जिस पर उन्हें ब्याज की उम्मीद रहती है और ब्याज ही उसका मुनाफा होता है लेकिन प्रीपेमेंट से उसे वह नहीं मिलता और मुनाफा कम देख वह ब्याज लगाता है।
देश में कई ऐसे बैंक और संस्थान भी हैं जो जल्दी लोन चुकाने पर पेनल्टी नहीं लगाते हैं। इसके लिए आपको बैंक से लोन पास कराते समय ही इसकी बात कर लेनी चाहिए।
कई बार बैंकों की पेनल्टी काफी ज्यादा होती है, एक साथ बड़ी रकम चुकाने पर आपके पास पैसे नहीं बचते हैं जो इमरजेंसी में काम आ सकते हैं। इससे कर्ज लेने की भी नौबत आ सकती है।
होम लोन के मूलधन-ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है। 80C के तहत होम लोन पर 1.5 लाख तक की छूट और ब्याज पर 2 लाख रु. तक का एग्जंप्शन मिलता है, प्रीपेमेंट से आप फायदों से वंचित रह जाएंगे
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लोन जल्दी खत्म करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि आपके पास पर्याप्त इमरजेंसी फंड हो। लोन थोड़ा-थोड़ा प्रीपेमेंट करें ताकि टेन्योर घटे, टैक्स वाला लाभ मिलता रहे।
अगर बैंक पेनल्टी नहीं लगा रहा है तो भी आपको प्रीपेमेंट कंसिडर करना चाहिए। RBI के नियम के मुताबिक, लोन की ब्याज दर फ्लोटिंग है तो बैंक प्रीपेमेंट पर पेनल्टी नहीं लगा सकता है।