पैसों की जरूरत पड़ने पर अक्सर पर्सनल लोन लिया जाता है। बाकी लोगों की तुलना में यह काफी आसानी से मिल जाता है लेकिन अगर आप समय पर इसे नहीं चुका पाते तो कई दिक्कतें आ सकती हैं।
अगर समय पर पर्सनल लोन को नहीं चुका पाते या EMI नहीं भर पा रहे हैं तो बैंक इसकी जानकारी क्रेडिट एजेंसियों को देते हैं, जिससे क्रेडिट स्कोर बिगड़ सकता है।
कम क्रेडिट स्कोर से बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड देने से मना कर देते हैं या ज्यादा ब्याज वसूलते हैं। बार-बार EMI डिफॉल्ट करने से बकाया राशि पर लेट फीस, डिफॉल्ट पेनल्टी जुड़ती है।
पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर बैंक आपके लोन को थर्ड पार्टी कलेक्शन एजेंसी को ट्रांसफर कर सकते हैं, जो लोन की वसूली के लिे बुरी तरह आपके पीछे पड़ सकते हैं, जिससे आप परेशान हो सकते हैं।
कई बार तो लोन न चुकाने पर बैंक लोन वापस पाने के लिए बैंक कानूनी कार्रवाई की मदद ले सकते हैं। जिससे आप बुरी तरह परेशान हो सकते हैं।
अगर आप लोन लेने जा रहे हैं तो सबसे पहले चेक करें कि आप उसे लौटा सकते हैं या नहीं, जितना लोन वापस कर सकते हैं, उतना ही लें। लोन के प्री-अप्रूवल के आधार पर ज्यादा उधार न लें।
लोन के रिपेमेंट में अगर दिक्कत आ रही है तो सबसे पहले जल्दी से जल्दी लोन लेने वाली संस्था से संपर्क करें और लोन करेक्शन या एडजस्टमेंट जैसे ऑप्शन के लिए रिक्वेस्ट करें।