ईरान-इजराइल वॉर का असर अडानी पोर्ट्स पर दिख सकता है। अडानी पोर्ट्स उत्तरी इजराइल में हाइफा पोर्ट का ओनर है। जनवरी 2024 में 1.03 अरब डॉलर में खरीदारी और लोकल पोर्ट संचालित करता है।
अभी तक दोनों देशों की जंग से कोई भी पोर्ट प्रभावित नहीं हुआ है लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर तनाव बढ़ा तो इस हाईफा पोर्ट पर असर दिख सकता है, जिसका असर अडानी पोर्ट्स पर पड़ेगा।
सन फार्मा की सब्सिडियरी Taro इजराइल की है। अगर उसके कर्मचारियों को युद्ध में बुलाया गया तो इससे सन फॉर्मा के प्रोडक्शन और शेयर पर असर पड़ सकता है।
अगर कुछ कर्मचारी युद्ध पर जाते हैं तो कुछ हद तक प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है। हालांकि, सन फार्मा की ओवरऑल कंसोलिडेटेड फाइनेंशियल पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
अगर ईरान-इजराइल के बीच तनाव ज्यादा बढ़ता है तो आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं। इनके 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस जंग का सीधा असर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) जैसी ऑयल मार्केट कंपनियों के शेयर पर पड़ेगा।
कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से पेंट सेक्टर पर भी इसका असर पड़ेगा, क्योंकि पेंट निर्माण में क्रूड ऑयल डेरिवेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पेंट के शेयर में गिरावट आ सकती हैं।
अगर कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा जाती हैं तो Akzo Nobel India, Berger Paints, Indigo Paints, Shalimar Paints जैसे स्टॉक्स पर असर पड़ सकता है।
इजराइल और ईरान की टेंशन से टायर इंडस्ट्री भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि सिंथेटिक रबर बनाने के लिए क्रूड ऑयल डेरिवेटिव का इस्तेमाल होता है।
पश्चिम एशिया में तनाव से MRF, CEAT, Apollo Tyres, JK Tyres और Goodyear Tire & Rubber India जैसे स्टॉक्स पर असर पड़ सकता है।