13 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर 300 मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर दिया। मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते इंटरनेशनल ऑयल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम बढ़ सकते हैं।
इजराइल पर अटैक से 1 दिन पहले ईरान ने ओमान खाड़ी में होर्मुज से गुजर रहे एक जहाज कब्जा लिया। दुनिया के 20% तेल की सप्लाई यहीं से होती है। यहां 100 बैलिस्टिक-क्रूज मिसाइलें तैनात हैं
ईरान-इजराइल का विवाद बढ़ा तो ईरान स्वेज नहर को ब्लॉक कर सकता है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यहां से रोजाना 5.5 मिलियन बैरल से ज्यादा क्रूड ऑयल की सप्लाई की जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में भारत का 65% क्रूड ऑयल स्वेज नहर के रास्ते से आया था। ईरान-इजराइल में टेंशन बढ़ने से अब तक क्रूड ऑयल 80 डॉलर प्रति बैरल से 90 डॉलर हो चुके हैं
अमेरिकी थिंक टैंक 'सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज' के अनुसार, अगर दोनों देशों में तनाव कम नहीं हुआ तो तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंच सकते हैं।
एक्पसपर्ट्स के अनुसार, दुनिया का सारा तेल मध्य पूर्व यानी मिडिल ईस्ट से आता है। जहां बड़े-बड़े तेल उत्पादक देश हैं। इनमें सऊदी अरब, कुवैत, ओमान और यूएई हैं।
अप्रैल 2023 से जून 2023 तक के अनुसार, रूस- 1.02 लाख करोड़, इराक- 54.77 हजार करोड़, सऊदी अरब- 45.64 हजार करोड़, UAE- 14.10 हजार करोड़, अमेरिका- 12.44 हजार करोड़ रुपए
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर क्रूड ऑयल के दाम बढ़ते हैं तो खुदरा पेट्रोल-डीजल की कीमत पर असर पड़ना भी तय है। हालांकि, चुनाव की वजह से सरकार कुछ समय तक कीमतें बढ़ने से रोक सकती है।