10.50 लाख तक की आय पर टैक्स भरने पर स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 50,000 रुपए तकछूट मिलती है। इसे 10.50 लाख से घटा दें तो 10 लाख रुपए टैक्स दायरे में आएगी।
PPF, EPF, ELSS और NSC जैसी स्कीम में निवेश कर आयकर की धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं। 10 लाख में से 1.5 लाख घटा दें तो 8.5 लाख रुपए टैक्स के दायरे में आएगी।
NPS में अलग से सालाना 50,000 रुपए तक निवेश कर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत एक्स्ट्रा 50 हजार रुपए तक इनकम टैक्स बचा सकते हैं। 50 हजार घटाने पर 8 लाख रुपए टैक्स दायरे में आएगी।
अगर आपके नाम कोई होम लोन है तो इसके ब्याज पर इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत 2 लाख तक की टैक्स सेविंग हो सकती है। इसे घटाने के बाद 6 लाख रुपए की इनकम टैक्स दायरे में आएगी।
इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर 25 हजार रु. तक टैक्स बचा सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस में आपका, पत्नी और बच्चों का नाम होना चाहिए। अब टैक्स 5.75 लाख पर देना होगा।
अगर आपने माता-पिता के नाम पर भी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदा है तो 50,000 रुपए तक की एक्स्ट्रा छूट भी पा सकते हैं। इस राशि को घटाने पर 5.25 लाख पर आपको टैक्स देना होगा।
अगर किसी संस्था को आप डोनेशन देते हैं तो इनकम टैक्स के सेक्शन 80G के तहत दान दी गई रकम पर 25 हजार रुपए तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। अब 5 लाख रुपए टैक्स दायरे में आएगी।
अब आपकी इनकम 5 लाख के टैक्स स्लैब में आ जाएगी। इनकम टैक्स के नियम के अनुसार 5 लाख तक की इनकम पर ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत एक भी रुपया टैक्स नहीं देना होगा।