बढ़ती इनकम के बीच आजकल लोन लेना काफी आसान हो गया है। लोन एक नहीं कई तरह के होते हैं। पर्सनल लोन, कार लोन और होम लोन जैसे कई लोन बैंक और वित्तीय संस्थाएं दे रही हैं।
कई बार एक लोन चलने के बाद भी पैसों की जरूरत आ जाती है, तब दूसरे लोन का ख्याल आता है, ऐसे में अगर आप चाहें तो लोन का भी टॉप-अप करवा सकते हैं।
लोन टॉप-अप में बैंक पहले से चल रहे लोन में और पैसे क्रेडिट कर देते हैं। ज्यादातर बैंक उसी रेट पर लोन टॉप-अप कर देते हैं, जिस पर पहला लोन लिया है।
लोन टॉप-अप कराने से अलग-अलग लोन का सिरदर्द नहीं होता है। लोन टॉप-अप से सभी कर्ज एक ही जगह कंसोलिडेट हो जाता है और ब्याज दर भी अलग-अलग लोन से कम हो जाता है।
इससे लोन लेने की कागजी कार्रवाई फिर से पूरी नहीं करनी पड़ती है। पहले से ही जमा डॉक्यूमेंट्स पर काम हो जाता है। बस कुछ शर्तों पूरी करनी होती हैं और लोन टॉप-अप हो जाता है।
टॉप-अप लोन का ब्याज बाकी लोन की तुलना में कम होता है। इसके लिए कोई कोलेट्रल यानी कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है। यह लोन जल्दी से अप्रूव भी हो जाता है।
होम लोन का टॉप-अप कराने पर रिपेमेंट टेन्योर पर्सनल लोन से ज्यादा मिलता है। किसी बैंक से लोन के बाद टॉप-अप फैसिलिटी न मिलने पर बैलेंस लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं।