भारत में चांदी की कीमतें पहली बार 82 हजार रुपए प्रति किलोग्राम पार कर गई है। पिछले 3 महीनों में सिल्वर ने 13 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है।
सिल्वर का रेट बढ़ने के पीछे कई फैक्टर्स हैं। इसमें ग्लोबल मांग, निवेश, एक्सचेंज रेट, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी, हेल्थकेयर सर्विसेज इंडस्ट्रीज में मांग में बढ़ोतरी शामिल है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांदी में जिस कदर बढ़ोतरी जारी है, उससे निवेशकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। सिल्वर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड भी तरीका है। इसमें निवेश करने की सोच सकते हैं
सिल्वर ईटीएफ स्टॉक की तरह काम करते हैं। जिसे मार्केट से खरीद सकते हैं। सिल्वर रेट्स को फॉलो करने के लिए ETFs फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स या स्वैप जैसे डेरिवेटिव्स इस्तेमाल किए जाते हैं।
सिल्वर ईटीएफ दो तरह के होते हैं। पहला- फिजिकली बैक्ड सिल्वर ETF और दूसरा फ्यूचर्स बेस्ड सिल्वर ETF
ये सेविंग्स अकाउंट्स की तरह हैं, असली चांदी खरीद कर सुरक्षित रखते हैं। इस ETF में निवेश करना चांदी के शेयर खरीदने की तरह है। चांदी की कीमत बढ़ने पर शेयर के रेट भी बढ़ जाएंगे।
असली चांदी खरीदने की बजाय ETF इसपर दांव लगाते हैं कि भविष्य में चांदी का रेट क्या होगा। कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदकर चांदी बेचते खरीदते हैं। इसमें निवेश यानी चांदी की कीमत पर दांव लगाना है
किसी ब्रोकर ऐप को चुनकर ऑनलाइन सिल्वर ETF में ट्रेडिंग कर सकते हैं। कई ब्रोकरेज कंपनियां सिल्वर ईटीएफ में ट्रेडिंग की सुविधा देती हैं।
निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ-ग्रोथ, कोटक सिल्वर ईटीएफ एफओएफ रेगुलर, यूटीआई सिल्वर ईटीएफ-ग्रो इसके कुछ उदाहरण हैं, जिनमें एसआईपी या एकमुश्त निवेश कर सकते हैं।