पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड दोनों ही अनसिक्योर्ड लोन हैं और इनसे आसानी से लोन मिल जाता है। हालांकि, दोनों के बीच खास अंतर है। जिसे जानकार इनका समझदारी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड से अगर लोन लेते हैं तो आपको उस बैंक का कस्टमर होना जरूरी नहीं है लेकिन पर्सनल लोन में उस बैंक में अकाउंट होना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बार-बार लोन लेने के लिए कर सकते हैं लेकिन पर्सनल लोन में दोबारा से लोन लेने के लिए फिर से अप्लाई करना होगा। तब फिर से पूरी प्रॉसेस चेक की जाती है।
दोबारा से पर्सनल लोन लेने पर क्रेडिट स्कोर और बाकी चीजें फिर से देखी जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बार-बार पर्सनल लोन लेने से सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ता है।
क्रेडिट कार्ड में लोन चुकाने ग्रेस पीरियड मिल जाता है। ग्रेस पीरियड में लोन चुकाने पर ब्याज नहीं लगता है। पर्सनल लोन में ये विकल्प नहीं होता। इसमें ब्याज समेत EMI चुकानी पड़ती है।
पर्सनल लोन लेने में कई फॉर्मेलिटीज करनी पड़ती है। डॉक्यूमेंट्स देने पड़ते है। सैलरी-क्रेडिट स्कोर सही होने के बाद ही लोन अप्रूव होता है लेकिन क्रेडिट कार्ड में ऐसा कुछ नहीं होता है
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो समय-समय पर रिवॉर्ड पॉइंट्स, गिफ्ट कार्ड्स , वाउचर्स, डिस्काउंट और कैशबैक मिलते रहते हैं लेकिन पर्सनल लोन में ये ऑफर्स नहीं मिलते हैं।
क्रेडिट कार्ड में ग्रेस पीरियड, EMI बदलवाने का ऑप्शन मिलता है। इसमें प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, GST लगते हैं। पर्सनल लोन में एकमुश्त भुगतान पर तमाम पेनाल्टी लगती हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, छोटा लोन कम समय के लिए लेने के लिए क्रेडिट कार्ड सही हो सकता है। बड़ी रकम, ज्यादा समय के लिए क्रेडिट कार्ड की बजाय पर्सनल लोन लेने में समझदारी है।