कहा जाता है कि अपनी पहली किताब 'आपातकाल में गुजरात' लिखने के लिए पीएम मोदी ने खाना तक छोड़ दिया था। 23 दिन तक नींबू-पानी पीकर इस किताब को लिखी थी।
प्रधानमंत्री बनने के चार साल बाद साल 2018 में नरेंद्र मोदी ने स्कूली बच्चों को मोटिवेट करने के लिए 'एग्जाम वॉरियर्स' नाम की किताब लिखी है।
पीएम मोदी कई मौके पर कविता पढ़ते और सुनाते हुए देखे गए हैं। अपनी कविताओं को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। लंदन में उन्होंने अपनी कविता 'रमता राम अकेला' सुनाई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कविता संग्रह 'आंख आ धन्य छे' लिखा है। जिसका हिंदी और संस्कृत में भी अनुवाद हो चुका है। इसके संस्कृति अनुवाद का नाम 'नयनम इदम धन्यम' है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी अब तक भारत के सभी प्रधानमंत्रियों में सबसे ज्यादा किताबें लिखी हैं। उन्होंने 14 किताब लिखी है। हिंदी, इंग्लिश, गुजराती अनुवाद मिलाकर यह संख्या 23 है।
द योगा ऑफ एजुकेशन, ज्योतिपुंज, साक्षी भाव, सोशल हार्मोनी, सेतुबंध, संघर्षम गुजरात और कन्विनेंट एक्शन पीएम मोदी की कुछ फेमस किताबें हैं।
पीएम मोदी के बाद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सबसे ज्यादा किताब लिखने वाले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कुल 11 किताबों लिखी थीं।
भारत की पांचवीं और 8वीं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुल चार किताबें लिखी थीं। किताब लिखने वाले प्रधानमंत्रियों में उनका नंबर तीसरा है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को भी किताबें लिखने का काफी शौक था। उन्होंने कुल तीन किताबें लिखी थीं।