जब भी अचानक से पैसों की जरूरत पड़ती है तब पर्सनल लोन सबसे बेहतर ऑप्शन बन जाता है, क्योंकि यह जल्दी और आसानी से मिल जाता है।
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता है, इसलिए बैंक इस पर ज्यादा ब्याज वसूला करते हैं। कई बैंक तो इस लोन पर 24% तक सालाना ब्याज लेते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार, पर्सनल लोन फ्लैट इंटरेस्ट रेट की बजाय रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर लेना चाहिए। इस रेट पर पर्सनल लोन लेने से कम ब्याज देना पड़ता है।
मान लीजिए आप किसी बैंक से 3 साल के लिए 5 लाख रुपए का पर्सनल लोन 12% के फ्लैट इंटरेस्ट रेट पर ले रहें हैं तो आपका ब्याज 1.80 लाख रुपए होगा, वहीं मंथली EMI 18,889 रुपए।
अगर इतना ही लोन, इतनी ही ब्याज दर पर इतने ही समय के लिए रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट पर लिया जाए तो 97,858 रुपए का ब्याज चुकाना होगा। 82,142 रुपए की बचत होगी। EMI 16,607 रुपए होगी।
बैंक से फ्लैट इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने का मतलब तय रेट पर ब्याज को फिक्स करना। इससे पूरा लोन एक ही ब्याज पर चुकाना होता है। वहीं, रिड्यूजिंग इंटरेस्ट रेट का मतलब ब्याज दर में बदलाव।
क्रेडिट स्कोर 750 या ज्यादा रखें। पर्सनल लोन लेने हमेशा सैलरी अकाउंट का ही इस्तेमाल करें, अलग-अलग बैंकों की तुलना करके पर्सनल लोन लें। बैंक ऐसी कंडीशन में लोन कम ब्याज पर देते हैं।