पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार के साथ ही रुपये में भी भारी कमजोरी देखी जा रही है। डॉलर के मुकाबले रुपया 83.53 के लेवल पर आ गया है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मंगलवार को रुपये ने 83.53 रुपए का लेवल छुआ, जो कि अब तक का लो लेवल है।
इससे पहले सोमवार को भी रुपया 83.44 रुपए के लेवल पर बंद हुआ था। वहीं, मंगलवार को रुपया 83.51 प्रति डॉलर पर खुला और बाद में 83.53 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच रुपया लगातार कमजोर हुआ है। घरेलू बाजार में निगेटिव सेंटीमेंट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली का असर रुपए पर देखा जा रहा है
ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.53% चढ़कर 90.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं FII ने सोमवार को शुद्ध रूप से 3268 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिसका असर रुपए पर पड़ा।
रुपए के कमजोर होने की वजह से विदेशी वस्तुओं की खरीद महंगी हो जाएगी। इसके साथ ही बाहर से चीजों को आयात करने के लिए सरकार को ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी।
रुपए के कमजोर होने की वजह से बाहर से ज्यादा पैसे देकर चीजों को मंगाना पड़ेगा, जिसका सीधा असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ेगा। यानी फॉरेक्स रिजर्व में कमी आ सकती है।
इसके अलावा विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट की फीस और दूसरे कई खर्चों के लिए उन्हें ज्यादा रकम चुकानी होगी।