अडानी ग्रुप (Adani Group) की 6 कंपनियों को SEBI ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन पर लेनदेन, लिस्टिंग नियमों का पालन न करने और ऑडिटर सर्टिफिकेट्स की वैधता को लेकर आरोप हैं।
नोटिस पाने वाली कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंजे रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी है।फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने गुरुवार को बताया कि 31 मार्च दो कारण बताओ नोटिस मिले हैं।
अडानी ग्रुप की अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी पावर, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी विल्मर और अडानी टोटल गैस को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
नोटिस पाने वाली कंपनियों का कहना है, उन्हें जो कानूनी राय मिली है, उसके मुताबिक, इस नोटिस से उन पर खास असर होने वाला नहीं है। कंपनियों के ऑडिटर्स ने क्वालीफाइड ओपिनियन जारी किया है
कहा गया है कि सेबी जांच के नतीजे भविष्य में फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स प्रभावित कर सकते हैं। ये नोटिस हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी ग्रुप पर लगाए आरोपों पर SEBI जांच बाद जारी किए गए हैं।
अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने कहा, आरोप है कि कंपनी ने अपेक्षित मंजूरी नहीं ली और फाइनेंशियल डिटेल्स, वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा नहीं किया है। अडानी पावर ने भी ऐसा ही जवाब दिया है।
सेबी ने अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट में दी रिपोर्ट में बताया, 13 रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन की पहचान की है, जिसकी जांच चल रही। जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए।
अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी की नेटवर्थ 99.1 अरब डॉलर है। वह दुनिया के 13वें सबसे अमीर इंसान हैं। इसी साल उनकी नेटवर्थ में 14.8 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।