हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 25 अक्टूबर को सेंसेक्स 900 अंक से ज्यादा नीचे आ गया। इस दौरान निफ्टी में भी 300 अंकोंकी गिरावट देखने को मिली। कई शेयर धराशाई हो गए हैं।
जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद इंडसइंड बैंक में करीब 20% की गिरावट रही। इसके अलावा सेंट्रल बैंक, पीएनबी और कैनरा बैंक के शेयर भी 5% तक टूट गए।
शेयर बाजार में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार गिरते बाजार ने भारी नुकसान हुआ है। पिछले 1 महीने में कई चुनिंदा मिडकैप-स्मॉलकैप शेयर 50% तक टूट गए हैं।
कुछ समय पहले निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने वाला डिफेंस सेक्टर भी 26% तक टूट गया है। कोचीन शिपयार्ज जैसे शेयरों में 40% तक की गिरावट आ गई है।
बिकवाली का तूफान 1 महीने से जारी है। निवेशकों के 40 लाख करोड़ स्वाहा हो गए। 27 सितंबर से 25 अक्टूबर 2024 तक BSE का मार्केट कैप 4.77 लाख करोड़ से 4.37 लाख करोड़ पर आ गया।
पिछले एक महीने में सबसे ज्यादा गिरावट वाले सेक्टर्स में ऑटो-14%, कैपिटल गुड्स-13.5%, FMCG- 11%, फाइनेंस- 6%, IT- 3%, फार्मा-5% और मेटल सेक्टर में 2.5% तक की गिरावट आई है।
1 महीने में कोचीन शिपयार्ड- 40%, गार्डनरीच- 36%, भारत डायनामिक्स- 33%, मझगांव डॉक- 25%, कोचीन शिपयार्ड- 25% और HAL के शेयर 20% तक गिर गए हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बड़ी गिरावट का मतलब अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश का अच्छा मौका है। लॉन्ग टर्म के हिसाब से अच्छी वैल्यूएशन वाली कंपनियों में दांव लगा सकते हैं।
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।