हर महीने जितना खर्च हुआ है, उतना पूरा बिल समय से पहले चुका दें। Minimum Due के झांसे में मत आइए, इससे सिर्फ और सिर्फ ब्याज बढ़ता है।
क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने की तारीख भूलना भारी पड़ सकता है। इसलिए अलर्ट सेट करें, ऑटो-पे ऑन करें या रिमाइंडर ऐप्स की मदद लें।
अगर आपके पास एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड हैं, तो उनका अलग-अलग ड्यू डेट और लिमिट ट्रैक करना जरूरी है। सभी कार्ड को टाइम पर मैनेज करना ब्याज से बचा सकता है।
ईएमआई की सुविधा भले ही बहुत आकर्षक और आसान लगती है, लेकिन इसमें छिपे चार्जेज और ब्याज खतरनाक हो सकते हैं। जरूरी हो तभी इसका इस्तेमाल करें, वरना बचें।
ATM से क्रेडिट कार्ड से कैश निकालते ही ब्याज लगना शुरू हो जाता है, वो भी बिना किसी ग्रेस पीरियड के। इससे बचने में ही भलाई है।
छोटे-छोटे खर्च भी मिलकर बड़ा बिल बना देते हैं। हर महीने अपना स्टेटमेंट ध्यान से पढ़ें और गैर-जरूरी खर्चों को कंट्रोल करें।
क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले Cashback, Reward Points या No-Cost EMI का सही इस्तेमाल करके भी आप अपना खर्च मैनेज कर सकते हैं।