नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, नेशनल हाईवे पर 983 टोल प्लाजा काम कर रहे है।
ये टोल प्लाजा सरकार का खजाना भरने में अहम भूमिका निभा रहे है। बीते पांच साल में टॉप-10 टोल प्लाजा से 14,045 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।
तमिलनाडु के धर्मपूरी में ये टोल प्लाजा स्थित है। यह कृष्णागिरी-तुंबईपाडी के बीच 154 KM लंबा टोल रोड है। बीते पांच साल में यहाँ से 1124.2 करोड़ रुपए वसूला गया है।
राजस्थान में ठिकरिया-जयपुर टोल प्लाजा 9वें स्थान पर है। पिछले पांच साल में यहां 1161.2 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया है।
गुजरात का चोरयासी टोल प्लाजा 8वें नंबर पर है, जो भरूच से सूरत के बीच है। बीते पांच साल में इस टोल से 1272.6 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।
घरौंदा टोल प्लाजा 7वें नंबर पर है। यह हरियाणा में है, जो पानीपत-जालंधर हाईवे पर स्थित है। यहां से पांच साल में कलेक्शन 1314.4 करोड़ रुपये है।
बाराजोर टोल प्लाजा 6वें नंबर पर है। UP में स्थित है। यह इटावा को चकेरी से जोड़ता है। बीते पांच साल में यहां से 1480.7 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ है।
यह पश्चिम बंगाल का फेमस टोल प्लाजा है। यह कमाई के मामले में 5वें नंबर पर है। यहां से बीते पांच सालों में 1538.9 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।
शाहजहांपुर टोल प्लाजा चौथे नंबर पर है। यह राजस्थान में गुड़गांव-कोटापुतली-जयपुर से 115 किलोमीटर दूर स्थित है। पिछले पांच साल में यहां से 1884.5 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन हुआ है।
UP का नवाबगंज टोल प्लाजा इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर है। यहां से बीते पांच साल में 1884.5 करोड़ रुपए की वसूला हुई।
बिहार का सासाराम टोल प्लाजा इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। यह 900 किमी लंबे वाराणसी-औरंगाबाद मार्ग के लिए टोल है। बीते पांच साल में यहां से 2043.8 करोड़ रुपए इकट्ठा हुआ है।
बर्थाना टोल प्लाजा पहले नंबर पर है। यह गुजरात में स्थित है। यहां से बीते पांच साल में 2043.8 करोड़ रुपए वसूले गए है।