बजट शब्द फ्रेंच शब्द 'Bougette' से लिया गया है, जिसका मतलब 'छोटा थैला' होता है। धीरे-धीरे यह बदलकर बजट हो गया।
भारत का पहला बजट ब्रिटिश काल में 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था। तब इसे फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन ने पेश किया था।
ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश होता था। 1998-99 तक यही परंपरा चलती रही। 1999-2000में सभी दलों की सहमति के बाद तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट दिन में पेश किया।
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था, जो एक अंतरिम बजट था।
1955-56 से बजट पेपर हिंदी में बनना शुरू हुआ था। इससे पहले सिर्फ इंग्लिश में ही बजट तैयार होता था। तत्कालीन वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट हिंदी-अंग्रेजी में पेश करने की शुरुआत की।
1950 में वित्त मंत्री जॉन मथाई थे, तब बजट प्रिंटिंग के दौरान लीक हो गया था। इसके बाद इसकी प्रिंटिंग राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड पर हुई। 1980 से छपाई नॉर्थ ब्लॉक बेसमेंट में होती है
केसी नेगी देश के ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्होंने बजट पेश ही नहीं किया था। वे सिर्फ 35 दिनों तक ही वित्त मंत्री रहे।
सीडी देशमुख देश के पहले ऐसे वित्त मंत्री थे, जो रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके थे। वह RBI के पहले गवर्नर थे।
1973-74 के लिए पेश आम बजट को ब्लैक बजट भी कहा जाता है। इस साल बजट 550 करोड़ रुपए का था, जो उस समय के लिहाज से काफी ज्यादा था।
सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई (Morarji Desai) के नाम है। इसमें 8 बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं।
मोरारजी देसाई एकमात्र ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्होंने 1964 और 1968 में दो बार अपने जन्मदिन पर बजट पेश किया था। उनका जन्म 29 फरवरी के दिन हुआ था।
1970 में इमरजेंसी में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय अपने पास रखा था। तब ऐसा करके वाली वो एकमात्र महिला थी। दूसरी महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के तौर पर 1991 में शब्दों की संख्या के मामले में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था।
1997-98 का बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेश किया था। जिसे पर्सनल इनकम टैक्स दरों में कटौती की वजह से 'ड्रीम बजट' कहा जाता है।
2002-03 से पहले तक बजट दो हिस्सों में बंटा था। इसमें वित्त मंत्री का कार्यक्रम, सालाना आंकलन, प्लांड चेंजेस और प्लांड-अनप्लांड खर्चे थे। 2003-04 में जसवंत सिंह ने एक में पेश किया।
तीन प्रधानमंत्री भी संसद में बजट पेश कर चुके हैं। 1958 में जवाहर लाल नेहरू, 1970 में इंदिरा गांधी और 1987-88 में राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार 8वीं बार बजट पेश करेंगी। उनके नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड है। 2020 में उनका बजट भाषण 2 घंटे 42 मिनट का था।
सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने दिया था, जो 75 मिनट का था।
2017 में बजट पेश करने की तारीख 28 या 29 फरवरी से बदलकर 1 फरवरी कर दी गई। जिससे सरकार की योजनाओं के लिए धन आवंटन वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले हो सके।
2017 तक रेलवे और आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे लेकिन इसके बाद दोनों को एक में ही शामिल कर दिया गया।
साल 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पारंपरिक बजट ब्रीफकेस की जगह लाल रंग का थैला लेकर संसद भवन पहुंचीं।
1 फरवरी, 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया था।
1982-83 के बजट में पहली बार डिजिटल शब्द का यूज हुआ था। 2016-17 के आम बजट में 7 बार इस टर्म का इस्तेमाल हुआ था।
आम बजट में महिलाओं के मुद्दों को काफी देर से शामिल किया गया था। 1980 तक आम बजट में महिलाओं के मुद्दों का जिक्र भी नहीं होता था।
28 फरवरी, 2006 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पहली बार बजट में GST का जिक्र किया था। यूपीए-2 सरकार में पहली बार चिदंबरम ने सिंगल टैक्सकी बात कही थी।