सीएनबीसी आवाज पर कमोडिटी एक्सपर्ट्स नरेंद्र तनेजा ने बताया कि अगर ट्रंप जीतते हैं तो क्रूड कीमतों में तेज गिरावट आ सकती है। इसका सीधा फायदा भारत को होगा।
क्रूड की कीमतों में गिरावट से HPCL, BPCL और IOC जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को फायदा होगा। पेट्रोल-डीजल भी सस्ता हो सकता है। इनके शेयरों पर भी असर दिख सकता है।
ट्रंप के जीतने पर MRPL ,चेन्नई पेट्रो और मनाली पेट्रोल जैसी ऑयल एंड गैस कंपनियों को भी अच्छा फायदा हो सकता है, क्योंकि क्रूड इन कंपनियों के लिए कच्चे माल की तरह काम करता है।
सस्ते क्रूड का असर इंडिगो और स्पाइजेट जैसी एविएशन कंपनियों पर भी पड़ेगा। इन्हें सस्ता ATF मिल सकेगा। एयरलाइंस की कुल लागत में ATF 45-48% तक होता है तो हवाई सफर भी सस्ता हो सकता है।
क्रूड ऑयल के दाम घटने से अपोलो टायर्स, सीएट और जेके टायर्स जैसी कंपनियों को भी फायदा हो सकता है। टायर कंपनियां कार्बन ब्लैक या सिंथेटिक रबर, कच्चे तेल से ही बनाती हैं।
कच्चा तेल सस्ता होने का फायदा एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स, कन्साई नेरोलैक, शालीमार पेंट्स जैसी पेंट कंपनियों को हो सकता है। इनकी कुल कच्चे माल कॉस्ट का 30% हिस्सा क्रूड ही होता है।
HUL, गोदरेज कंज्यूमर और डाबर जैसी FMCG कंपनियों को भी क्रूड के दाम घटने से फायदा होगा। क्योंकि इनके प्रोडक्ट्स बनाने की कुल लागत में 15-30% क्रूड ही यूज होता है।
सस्ते क्रूड से वीआईपी इंडस्टीज , जैन इरीगेशन, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज जैसी पीवीसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को फायदा होगा। क्योंकि इन्हें बनाने में क्रूड के डेरिवेटिव यूज किए जाते हैं।
इसके अलावा क्रूड सस्ते होने से नीलकमल और सुप्रीम इंडस्ट्रीज जैसी प्लास्टिक पर डिपेंड रहने वाली कंपनियों के अलावा DCW, फिलिप्स कार्बन, गोवा कार्बन और नोसिल को भी फायदा हो सकता है।
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।