पाकिस्तान में शाहबाज शरीफ की अगुवाई में नई सरकार बन गई है लेकिन कर्ज, भूख और बेरोजगारी आज भी उसकी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। नई सरकार में भी हालात पुराने ही हैं।
पाकिस्तान में नई सरकार बनते ही फिर से कर्ज मांगने का प्लान है। कुछ महीने पहले ही पाक को काफी मिन्नतों के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 3 अरब डॉलर का कर्ज मिला था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया है कि इस बार इस बार IMF से 6 अरब डॉलर यानी करीब 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने का प्लान चल रहा है।
आईएमएफ से पाकिस्तान जो कर्ज लेगा उससे वह अपना कर्ज चुकाएगा। मतलब यह हुआ कि एक कर्ज चुकाने के लिए पड़ोसी मुल्क दूसरा कर्ज लेने जा रहा है।
IMF के पास हर देश के लिए इमरजेंसी फंड है। इसी नियम का फायदा पाकिस्तान उठाना चाहता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाक अधिकारी ने बताया कि मार्च-अप्रैल में IMF से बातचीत की जाएगी।
पाकिस्तान को इसी जुलाई तक 25 अरब डॉलर चुकाने हैं, जो उसके कुल विदेशी पूंजी भंडार का तीन गुना है। ये कर्ज 3-4 साल के लिए दिया जाता है और 4.5 साल से 12 साल तक में चुकाना होता है।
अप्रैल 2024 तक ही पाक को 1 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों के मुताबिक, अगर वह इस कर्ज को नहीं चुका पाता है तो उसे नया कर्ज मिलना मुश्किल हो जाएगा।
आजादी के बाद पाकिस्तान अब तक IMF से 23 बेलआउट पैकेज ले चुका है। यह दुनिया में अब तक किसी भी देश की तरफ से लिया गया सबसे ज्यादा बेलआउट पैकेज है।
बेलआउट पैकेज का मतलब अपने खर्चों और बकाए को चुकाने के लिए आपात यानी इमरजेंसी फंड लेना। पाकिस्तान बार-बार इस फंड को लेता है, जो उसके हालात बयां करने के लिए काफी हैं।