माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स तकनीकी कौशल के लिए फेमस हैं। हर साल जंगलों में जाकर कुछ समय मौन यानी साइलेंस रहकर बिताते हैं। वे इसे 'थिंक वीक्स' कहते हैं।
बिल गेट्स जिम्मेदारियों, इंटरनेट और लोगों से दूर साल में दो बार पेसिफिक नॉर्थवेस्ट के जंगलों में जाते हैं। वहां एक केबिन में एकांत में वक्त बिताते हैं, ताकि सही तरह चिंतन कर सकें।
Apple को-फाउंडर स्टीव जॉब्स भी साइलेंस की पॉवर को माना करते थे। उनकी मीटिंग स्टाइल बेहद यूनीक और फेमस थी। अक्सर विचार, मौलिकता और ईमानदारी के लिए मौन रहना पसंद करते थे।
स्टीव जॉब्स हमेशा एक चुनौती वाला सवाल पूछते और चुप हो जाते थे। इससे दूसरों को ध्यान से सोचने का मौका मिलता है। उनका मानना था कि इस तकनीक से उनकी टीम हर समस्या कंट्रोल कर सकती है।
अमेरिकन टीवी होस्ट और लेखिका ओपरा विनफ्रे को भी साइलेंस की पॉव को मानती हैं। दिन में दो बार ट्रान्सडेंटल मेडिटेश यानी 15-20 मिनट तक आंखें बैठ कर खुद को मौन रखती हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिस तरह आसपास शोरगुल फैल रहा, स्मार्टफोन में हम खोए हैं, ऐसे में मौन रहकर खुद के अस्तित्व को जान सकते हैं। इससे सेल्फ अवेयरनेस सीखने को मिलती है।
चुप यानी शांत रहकर कई समस्याओं से बाहर निकला जा सकता है। शांत रहने से हमारी कई समस्याओं का हल निकल जाता है। दिमाग में चल रही उथल-पुथल भी खत्म होती है। साइंस भी इसका कायल है।