भारत से सिर्फ 1200 किमी दूर मालदीव है। जहां की आबादी 5 लाख है। यह दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है। जिसका क्षेत्रफल 298 वर्ग किमी है यानी दिल्ली से भी पांच गुना छोटा यह देश है।
मालदीव प्राकृतिक तौर पर काफी खूबसूरत है। यहां 1200 द्वीप हैं। ज्यादातर पर कोई रहता नहीं है। देश की 5 लाख आबादी में करीब 40 प्रतिशत लोग तो राजधानी माले में ही रहते हैं।
मालदीव मुस्लिम देश है। जहां 98.4 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। मालदीव की आधिकारिक भाषा धिवेही है। पर्यटन इस देश की इकोनॉमी का आधार है। यहां की करेंसी मालदीवियन रुफिया है।
मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव बाद मोहम्मद मोइज्जू नए राष्ट्राध्यक्ष बने हैं। जो चीन समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि भारतीय सेना को मालदीव आर्किपेलगो से हटाकर रहेंगे।
2023 के राष्ट्रपति चुनाव में चीन के करीबी मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में कथित भारतीय सेना की मौजूदगी के खिलाफ 'इंडिया आउट' का नारा दिया। इसे लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए।
भारत ने मेडिकल इवैकुएशन, हिंद महासागर में समुद्री निगरानी में मदद करने मालदीव को दो हेलिकॉप्टर, एक डोर्नियर दान दिया है। वहां 75 भारतीय सैनिक हैं, जो विमान को ऑपरेट करते हैं।
मालदीव-भारत की दोस्ती काफी पुरानी है। 1988 में पूर्व पीएम राजीव गांधी ने सेना भेज मौमून अब्दुल गयूम की सरकार बचाया। 2004 में सुनामी और 2020 में कोरोना महामारी में भारत ने मदद की।
मालदीव की जीडीपी 6.1 अरब है। उस पर जीडीपी का 113% कर्ज है। मालदीव में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य तक सभी क्षेत्रों में वह भारत पर काफी ज्यादा निर्भर है।
इससे पहले की मालदीव की सरकारों का भारत से अच्छा रिश्ता रहा। चीन मालदीव में कई प्रोजेक्ट लगा रहा। नए राष्ट्रपति भी चीनी समर्थक ही हैं, इसलिए ऐसा हो भी सकता है।