Hindi

दिल्ली से पांच गुना छोटा है मालदीव, भारतीय सेना हटाने पर क्यों तुला?

Hindi

मालदीव की जनसंख्या और क्षेत्रफल

भारत से सिर्फ 1200 किमी दूर मालदीव है। जहां की आबादी 5 लाख है। यह दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है। जिसका क्षेत्रफल 298 वर्ग किमी है यानी दिल्ली से भी पांच गुना छोटा यह देश है।

Image credits: Pexels
Hindi

मालदीव में कितने आईलैंड हैं

मालदीव प्राकृतिक तौर पर काफी खूबसूरत है। यहां 1200 द्वीप हैं। ज्यादातर पर कोई रहता नहीं है। देश की 5 लाख आबादी में करीब 40 प्रतिशत लोग तो राजधानी माले में ही रहते हैं।

Image credits: Pexels
Hindi

मालदीव में कितने मुस्लिम रहते हैं

मालदीव मुस्लिम देश है। जहां 98.4 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। मालदीव की आधिकारिक भाषा धिवेही है। पर्यटन इस देश की इकोनॉमी का आधार है। यहां की करेंसी मालदीवियन रुफिया है।

Image credits: Pexels
Hindi

मालदीव क्यों चर्चा में है

मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव बाद मोहम्मद मोइज्जू नए राष्ट्राध्यक्ष बने हैं। जो चीन समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि भारतीय सेना को मालदीव आर्किपेलगो से हटाकर रहेंगे।

Image credits: Pexels
Hindi

मालदीव में कब शुरू हुआ 'इंडिया आउट' कैंपेन

2023 के राष्ट्रपति चुनाव में चीन के करीबी मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में कथित भारतीय सेना की मौजूदगी के खिलाफ 'इंडिया आउट' का नारा दिया। इसे लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए।

Image credits: Pexels
Hindi

मालदीव में भारतीय सेना क्यों है

भारत ने मेडिकल इवैकुएशन, हिंद महासागर में समुद्री निगरानी में मदद करने मालदीव को दो हेलिकॉप्टर, एक डोर्नियर दान दिया है। वहां 75 भारतीय सैनिक हैं, जो विमान को ऑपरेट करते हैं।

Image credits: Pexels
Hindi

मालदीव और भारत का रिश्ता

मालदीव-भारत की दोस्ती काफी पुरानी है। 1988 में पूर्व पीएम राजीव गांधी ने सेना भेज मौमून अब्दुल गयूम की सरकार बचाया। 2004 में सुनामी और 2020 में कोरोना महामारी में भारत ने मदद की।

Image credits: Pexels
Hindi

भारत मालदीव की मदद कैसे करता है

मालदीव की जीडीपी 6.1 अरब है। उस पर जीडीपी का 113% कर्ज है। मालदीव में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य तक सभी क्षेत्रों में वह भारत पर काफी ज्यादा निर्भर है।

Image credits: Pexels
Hindi

क्या चीन की वजह से मालदीव भारत के खिलाफ

इससे पहले की मालदीव की सरकारों का भारत से अच्छा रिश्ता रहा। चीन मालदीव में कई प्रोजेक्ट लगा रहा। नए राष्ट्रपति भी चीनी समर्थक ही हैं, इसलिए ऐसा हो भी सकता है।

Image Credits: Pexels