पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। 14 फरवरी को भी सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान पर बंद हुए।
वेलेंटाइन डे वाले दिन BSE का कुल मार्केट कैप करीब 7.19 लाख करोड़ रुपए घट गया, जिससे निवेशकों को एक ही दिन में तगड़ा फटका लगा है।
सरकार द्वारा सैलरीड क्लास को इनकम टैक्स में छूट के बाद RBI द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद भी आखिर क्यों नहीं थम रही शेयर बाजार की गिरावट। जानते हैं इसके सबसे बड़े कारण।
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार टूट रहा है। रुपया इस साल अब तक 1.5% कमजोर हो चुका है। इंडोनेशिया के बाद एशिया में भारतीय रुपया सबसे खराब परफॉर्म करने वाली करंसी बन चुका है।
भारतीय बाजार में अस्थिरता के चलते विदेशी संस्थागत निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है। यही वजह है कि निवेशक इस साल अब तक यानी डेढ़ महीने में 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निकाल चुके हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (जैसे को तैसा) लगाने की वजह से ग्लोबल मार्केट समेत भारतीय शेयर बाजारों पर भी दबाव है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की ऊंची कीमतें भी निवेशकों के बीच चिंता का सबब बनी हैं। वैल्यूएशन गुरू के नाम से मशहूर अस्वथ दामोदरन ने भारत को दुनिया का सबसे महंगा बाजार तक कहा है।
इसके अलावा सोने की बढ़ती डिमांड और निवेश भी शेयर बाजारों में गिरावट की एक बड़ी वजह है। पिछले कुछ वक्त से लोग गोल्ड ईटीएफ का रुख कर रहे हैं।