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इस तरह हुई मौत तो रिजेक्ट हो जाएगा टर्म इंश्योरेंस क्लेम, जानिए कब

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1. गंभीर बीमारी न बताने पर

टर्म पॉलिसी लेते वक्त अगर किसी गंभीर बीमारी को पॉलिसी होल्डर छुपा लेता है और बाद मे उससे मौत होती है तो बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है। HIV/AIDS से मौत पर भी क्लेम नहीं मिलता।

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2. डिलीवरी के दौरान मौत

किसी महिला पॉलिसीहोल्डर की मौत बच्चे को जन्म देने के दौरान हो जाती है तो नॉमिनी को क्लेम राशि नहीं मिलती है। क्योंकि ये भी टर्म पॉलिसी में कवर नहीं होती, इसलिए सही तरह नियम पढ़ लें

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3. खुदकुशी करने पर

अगर टर्म प्लान लेने के 1 साल के अंदर पॉलिसी होल्डर खुदकुशी कर लेता है, तो क्लेम नहीं मिलता है। 1 साल बाद मौत होने पर टर्म प्लान का कवर परिवार वालों को मिल जाता है।

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4. नशे में एक्सीडेंट से मौत

नशे में ड्राइविंग करते समय दुर्घटना होने पर मौत होती है तो क्लेम में दिक्कत आ सकती है। ड्रग्स-शराब के ओवरडोज से मौत होने पर क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। पॉलिसी में इसका जिक्र होता है।

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5. प्राकृतिक आपदा में मृत्यु

अगर किसी प्राकृतिक आपदा से पॉलिसी होल्डर की मौत हो जाती है तो भी बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर देती है। भूकंप, तूफान या साइक्लोन से मौत पर क्लेम नहीं मिलता है।

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6. खतरनाक स्टंट से मौत

पॉलिसी होल्डर की अगर खतरनाक स्टंट से मौत हो जाती है तो टर्म प्लान के क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं। इसमें स्काई ड्राइविंग, स्कूबा ड्राईविंग, वाहन रेस, पैरा ग्लाइडिंग शामिल है।

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7. अगर नॉमिनी हत्या कर दे तो

अगर पॉलिसी होल्डर की हत्या का आरोप नॉमिनी पर आ जाता है तो दोषमुक्त होने तक क्लेम होल्ड पर डाल दिया जाता है। इसके बाद क्लेम की राशि मिल जाती है लेकिन दोष साबित हुआ तो नहीं मिलेगा।

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8. क्रिमिनल एक्टिविटी में मर्डर

इरडा के नियम के अनुसार, अगर पॉलिसी होल्डर किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल है और उसकी हत्या कर दी जाती है तो उसकी क्लेम की राशि नहीं मिलती है।

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