फिटनेस पर निवेश कर इलाज का भारी-भरकम खर्च बचा सकते हैं। फिजिकल एक्टिविटीज कई बीमारियों की छुट्टी कर देती हैं और मेडिकल बिल जीरो कर सकती हैं। इसलिए फिटनेस इंवेस्टमेंट जरूरी है।
ICMR ने स्टडी में पाया कि रोजाना 30 मिनट का योगा-एक्सरसाइज मेडिकल पर होने वाले खर्च में 5% की कमी ला सकता है। जिम की मेंबरशिप या फिटनेस किट जैसे छोटे निवेश से जबरदस्त फायदे हैं।
हेल्दी लाइफस्टाइल पर निवेश करने से डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सही डाइट पर खर्च करने से शरीर मजबूत होगा, इम्यूनिटी बढ़ेगी, बीमारियां कम होंगी, दवा-इलाज का खर्च बचेगा
एक्सरसाइज या वर्कआउट स्ट्रेस-डिप्रेशन को कम कर मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाता है। WHO के अनुसार, रेगुलर तौर पर योगा या फिजिकल एक्टिविटीज से डिप्रेशन का रिस्क 25% तक कम कर सकते हैं।
कई बीमा कंपनियां हेल्दी लाइफस्टाइल में कई छूट देती हैं। रेगुलर योगा-एक्सरसाइज करने, वेट मेंटेन रखने से कम प्रीमियम का फायदा मिलता है। इससे बचत बढ़ती है और फिटनेस अच्छी होती है।
कई कार्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम कंपनियों की तरफ से चलाए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों को काफी फायदा होता है। इससे हेल्थ बेहतर होती है और प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। उसका हिस्सा बनें।
फिटनेस में निवेश एक स्मार्ट फाइनेंशियल डिसीजन है। इससे तन-मन के अलावा इलाज का खर्चा काफी कम होता है। हेल्दी लाइफस्टाइल-खानपान, योग-वर्कआउट से इलाज का खर्चा जीरो कर सकते हैं।