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डॉ. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड (एआईटीएच) के छात्रों ने एक डिजिटल गमला (Flowerpot) बनाया है जो पौधों को उनकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए ऑटोमेटिक पानी देगा।
इससे लोगों को अपने पौधों की बेहतर देखभाल करने और यहां तक कि बिना किसी चिंता के बाहर जाने में मदद मिलेगी, क्योंकि यह डिजिटल पॉट इंडिपेंडेंट है।
इस प्रोजेक्ट में एआईटीएच संस्थान के केमिकल इंजीनियरिंग छात्र- हिमांशी कुशवाह, निहारिका गौड़ और उनके कई सहयोगियों ने मिलकर काम किया है।
हिमांशी के अनुसार इस पॉट में एक डिजिटल मीटर स्क्रीन भी है जिसमें टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी देखी जा सकती है और पॉट में पानी भी स्टोर किया जा सकता है।
कभी-कभी गमले में पानी ज्यादा या कम हो जाता है, जिससे पौधा खराब हो जाता है लेकिन इस डिजिटल पॉट की मदद से इस तरह की समस्या से बचा जा सकता है।
स्टूडेंट्स के अनुसार इसे कोडिंग की मदद से बनाया है। इसमें कई तरह के सेंसर भी लगाए गए हैं।
यदि आप किसी गमले में पानी जमा करके रखते हैं, अपने पौधों को छोड़कर कई दिनों के लिए बाहर चले जाते हैं, तो इससे गमले में अपने आप पानी पड़ता रहेगा।
को-फाउंडर में से एक निहारिका के अनुसार इसे प्रैक्टिकल बनाया जाएगा ताकि आम आदमी भी इसका इस्तेमाल कर सके।
अब इस डिजिटल पॉट में कई सेंसर लगाने की योजना है जिससे फोन पर ही सारी जानकारी मिल जाएगी।