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अमन शहरावत किसके लिए हुए इमोशनल- वे यह भी नहीं जानते मैं पहलवान बन गया

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अमन सहरावत: भारत के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता

अमन सहरावत ने 21 साल की उम्र में पुरुषों की 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय पहलवान बन गए हैं।

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पेरिस 2024 में पहला पदक

 सहरावत ने पेरिस 2024 में अपना पहला ओलंपिंक पद जीता। पेरिस ओलंपिक में उन्होंने भारत के लिए कुल पदकों की संख्या को पांच से बढ़ाकर छह कर दिया।

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अमन सहरावत पदक विजेता पहलवानों की लिस्ट में शामिल

जीत के साथ अमन, सहरावत केडी जाधव, सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और रवि दहिया के साथ ओलंपिक पदक जीतने वाले भारतीय पहलवानों की लिस्ट में शामिल हो गए।

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अमन सहरावत का प्रारंभिक जीवन

अमन का जन्म 16 जुलाई 2003 को हरियाणा के झज्जर के बिरोहर गांव में हुआ। 10 साल की उम्र में कुश्ती की शुरुआत की।

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नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती सीखने की शुरुआत

अमन 2012 ओलंपिक में सुशील कुमार की रजत पदक जीत से प्रेरित हुए नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती सीखने के लिए एडमिशन लिया।

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11 साल की उम्र में अनाथ

जब अमन सिर्फ 11 साल के थे, तब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। उनके माता-पिता की मृत्यु विभिन्न चिकित्सीय समस्याओं के कारण हुई। इसके बाद उनके दादा-दादी ने उनका पालन-पोषण किया।

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राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियां

अमन ने 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीता। 2022 में U-23 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और 2023 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता।

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जाग्रेब ओपन 2024 में स्वर्ण पदक

जनवरी 2024 में, अमन ने जाग्रेब ओपन में पुरुषों की 57 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने अपने सभी विरोधियों को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया।

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कांस्य पदक प्लेऑफ

अमन ने पेरिस 2024 के कांस्य पदक प्लेऑफ में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूस को हराकर कांस्य पदक जीता। इससे पहले सेमीफाइनल में वह जापान के शीर्ष वरीयता प्राप्त री हिगुची से हार गए थे।

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माता-पिता को समर्पित

कांस्य पदक जीतने के बाद अमन ने अपनी जीत अपने माता-पिता को समर्पित की। उन्होंने कहा, "यह पदक उनके लिए है। वे यह भी नहीं जानते कि मैं पहलवान बन गया, ओलंपिक भी कोई चीज होती है।"

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