पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान देश के प्रति उनके योगदान को समर्पित है। उन्होंने अपना जीवन किसानों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में मेरठ में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सिंह ने कानून की शिक्षा ली। गाजियाबाद में प्रैक्टिस शुरू किया।
सिंह ने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह पहली बार 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और बाद में 1946, 1952, 1962 और 1967 में फिर से चुने गए।
चौधरी चरण सिंह को 1946 में गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। 1951 में न्याय और सूचना के लिए कैबिनेट मंत्री नियुक्त हुए।
1967 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और संयुक्त विधायक दल गठबंधन के नेता के रूप में चुने जाने के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 1970 में वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
1979 में जनसंघ द्वारा 18 महीने पुरानी मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस (आई) ने चौधरी चरण सिंह को समर्थन देने का फैसला किया।
चौधरी चरण सिंह ने 28 जुलाई, 1979 को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके लोकसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही इंदिरा गांधी ने समर्थन वापस ले लिया और सिंह ने इस्तीफा दे दिया।
चौधरी चरण सिंह 14 जनवरी 1980 तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे।