विलक्षण प्रतिभा की धनी अनन्या वर्मा ने कुछ साल पहले तब सुर्खियां बटोरीं जब वह यूपी के लखनऊ में कक्षा 9 में दाखिला लेने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति बन गईं।
अनन्या वर्मा एक ऐसे परिवार से थी, जहां संसाधनों की कमी के बीच 3 प्रतिभाएं निकलीं और अलग-अलग रिकॉर्ड बना डाले। अनन्या लखनऊ के एक चपरासी की तीन प्रतिभाशाली संतानों में सबसे छोटी है।
भाई शैलेन्द्र 14 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के कंप्यूटर ग्रेजुएट बन गया। बहन सुषमा 15 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की पीएचडी छात्रा बन गई।
सबसे छोटी बहन अनन्या अपने ही भाई और बहन का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार दिखी जब उसे सिर्फ 5 साल की उम्र में सीधे कक्षा 9 में एडमिशन मिल गया।
जब 9वीं में एडमिशन हुआ अनन्या मात्र 4 साल 8 महीने की थी। उसका जन्म 1 दिसंबर 2011 को हुआ। पिता तेज बहादुर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विवि में सहायक पर्यवेक्षक के रूप में काम करते थे।
मां छाया देवी एक गृहिणी हैं जो पढ़ी-लिखी नहीं हैं। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा सहमति मिलने के बाद अनन्या ने सेंट मीरा इंटर कॉलेज में पढ़ाई शुरू कर दी।
जब अनन्या वर्मा को 9 वीं कक्षा में प्रवेश मिला था तब उस समय जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा था कि अनन्या इतनी प्रतिभाशाली थी कि कोई उसे कक्षा 9 में एडमिशन लेने से नहीं रोक सकता था।
यूपी बाल अधिकार निकाय ने बाद में अनन्या का एक अलग मूल्यांकन किया था। जिसमें कहा हालांकि अनन्या एक वंडर गर्ल थी, लेकिन कक्षा 9 में दाखिला लेने के योग्य नहीं थी।
एक्सपर्ट ने पाया कि अनन्या अंग्रेजी, हिंदी में अच्छी तरह से पढ़-लिख सकती थी लेकिन वह जो पढ़ रही थी उसे बिना समझे ही सुना देती थी। उसे जोड़, गुणा जैसे प्रतीकों की जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि कक्षा 9 में एडमिशन उसे अत्यधिक मानसिक दबाव में डाल देगी। जिसके बाद उसके पिता ने उसका दाखिला वापस ले लिया और उसने स्कूल आना बंद कर दिया।