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पोता हो तो धीरेंद्र शास्त्री जैसा दादा को माना गुरु, सपना कर रहे पूरा

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धीरेंद्र शास्त्री का बचपन गरीबी में बीता

धीरेंद्र शास्त्री का जन्म छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में 4 जुलाई 1996 को हुआ। मां सरोज और पिता रामकृपाल के बेटे के रूप में जन्मे पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बचपन गरीबी में बीता।

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तीन भाई-बहन हैं धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री 3 भाई-बहन हैं। भाई सालिग राम गर्ग, बहन रीता गर्ग। गांव में धीरेंद्र शास्त्री धीरेंद्र गर्ग के नाम से पॉपुलर हैं। मां धीरेंद्र महाराज को प्यार से धीरू बुलाती हैं।

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बी.ए की डिग्री

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने गांव से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी की। फिर बी.ए की डिग्री हासिल की। इनका परिवार इतना गरीब था कि मां दूध बेचने का काम करती थी।

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पिता के साथ कथावचन करते थे

पंडित धीरेंद्र के पिता सत्यनाराण भगवान की कथा वाचते थे। पिता के साथ वे भी कथा वाचन में जाते थे और फिर धीरे-धीरे इसी काम में रम गये और आज बागेश्वर धाम बाबा के नाम से प्रसिद्व हैं।

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19.5 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति

आज धीरेंद्र शास्त्री को किसी पहचान की जरूरत नहीं। धीरेंद्र एक कथा के लिए डेढ़ लाख तक चार्ज करते हैं। उनकी कुल संपत्ति 19.5 करोड़ रुपये से अधिक है।

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बागेश्वर मंदिर में दरबार लगाते थे धीरेद्र कृष्ण शास्त्री दादा

धीरेद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सिद्ध पुरुष थे। वे अपने समय से ही मंगलवार और शनिवार के दिन बागेश्वर मंदिर में दरबार लगाते थे। जहां लोग अपनी अर्जी लेकर पहुंचते थे।

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दादा जी से सीखी रामकथा अब उनका सपना कर रहे पूरा

पंडित धीरेद्र शास्त्री 9 साल की उम्र से अपने दादा के साथ मंदिर जाने लगे थे। उन्होंने दादाजी से रामकथा सीखी। वह अपने दादाजी को ही अपना गुरू मानते हैं और उनका सपना पूरा कर रहे हैं।

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