हर साल बड़ी संख्या में विदेशी स्टूडेंट्स भारत में पढ़ाई करने आते हैं। इसमें बांग्लादेश, श्रीलंका, फ्रांस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और पाकिस्तान जैसे देशों के छात्र शामिल हैं।
पाकिस्तानी स्टूडेंट्स भारतीय यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर सकता है। इसके लिए स्टूडेंट वीजा की जरूरत होती है। इसके लिए कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है।
भारत-पाकिस्तान के बिगड़े रिश्तों के बीच वहां के स्टूडेंट्स का यहां पढ़ना आसान नहीं। उन्हें स्टूडेंट वीजा के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। दोनों देशों की सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है।
कई बार पाकिस्तानी स्टूडेंट्स का भारत में पढ़ाई के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट जमा होने के बाद भी वीजा रिजेक्ट कर दिया जाता है। गृह मंत्रालय के एडमिशन के लिए स्टूडेंट वीजा के कुछ नियम हैं
पाकिस्तानी स्टूडेंट्स को भारतीय यूनिवर्सिटीज में प्रोफेशनल कोर्सेस जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून और मैनेजमेंटमें एडमिशन मिल सकता है। मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी होनी चाहिए।
अगर कोई पाकिस्तानी स्टूडेंट भारत में पढ़ाई करना चाहता है तो उसे यहां साइंस, ह्यूमैनिटीज और कॉमर्स जैसे कोर्सेस की पढ़ाई करने लिए स्टूडेंट वीजा नहीं मिलता है।
पाकिस्तानी बच्चों को स्कूल स्तर पर एडमिशन के लिए स्टूडेंट वीजा तभी मिलता है, जब मान्यता प्राप्त इंटरनेशन स्कूलों में पढ़ाई के लिए आवेदन दे। फीस स्ट्रक्चर ज्यादा होना चाहिए।
किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से फुल टाइम ग्रेजुएशन, पीजी कोर्स में फाइनल एडमिशन का प्रमाण,फाइनेंशियल सपोर्ट सर्टिफिकेट, कम से कम 4 महीने का खर्चा, 24 घंटे में पुलिस वैरिफिकेशन।