बहुमुखी प्रतिभा के धनी के शिवराम (के शिवरामू) को कन्नड़ भाषा में प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले भारत के पहले व्यक्ति होने का गौरव प्राप्त है।
6 अप्रैल, 1953 को जन्मे पूर्व आईएएस ऑफिसर और कन्नड़ एक्टर एक साधारण बैकग्राउंड से आते हैं। इन्होंने कर्नाटक के रामानगर जिले के अपने गांव उरगा हल्ली में स्कूली शिक्षा पूरी की।
शिवराम ने सरकारी नौकरी पाने के लिए टाइपिंग और शॉर्टहैंड सीखा। वह 1973 में राज्य पुलिस विभाग की इंटेलिजेंस यूनिट में शामिल हुए और फिर कर्नाटक प्रशासनिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की।
उनका सपना आईएएस बनने का था, जिसे उन्होंने 1986 में पूरा किया। लंबे आईएएस करियर के दौरान, उन्होंने बीजापुर, बेंगलुरु, मैसूरु, कोप्पल, दावणगेरे जिले में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
उन्होंने पब्लिक एजुकेशन कमीशनर, फूड कमीशनर और MSIL के एमडी के रूप में कार्य किया है।
वह 1993 में कन्नड़ फिल्म उद्योग में शामिल हुए और फिल्म बा नल्ले मधुचंद्रके से अपनी शुरुआत के बाद उन्होंने कई प्रमुख भूमिकाएं निभाईं।
वह वसंत काव्य, प्रतिभताने, कलानायका, यारिगे बेदा डुड्डू, गेम फॉर लव, नागा, मूडाला सीमेयाली, सुभाष, जय और टाइगर सहित फिल्मों में अभिनेता रहे हैं।
आईएएस के रूप में रिटायरमेंट के बाद शिवराम ने 2013 में राजनीति में कदम रखा। पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) में जाने से पहले वह कांग्रेस का हिस्सा थे।
बीजापुर निर्वाचन क्षेत्र से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहे। कांग्रेस फिर बीजेपी में आये।वह कर्नाटक में पार्टी की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में कार्य करते हैं।