प्राचीन काल से लेकर ब्रिटिश काल तक भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली कई वीरांगनाएं थीं जिन्होंने साहस दिखाया, बलिदान दिये। जानिए ऐसे ही भारत की प्रमुख वीरांगनाओं के बारे में।
रानी लक्ष्मीबाई ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान झांसी की सेना का नेतृत्व किया। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपनी रियासत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
रानी दुर्गावती ने 16वीं सदी में मालवा के गोंडवाना साम्राज्य की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपने राज्य की रक्षा करते हुए मुगल आक्रमणकारियों के खिलाफ वीरता से लड़ा।
रानी चेनम्मा ने 19वीं सदी में कूर्ग के ब्रिटिश आक्रमणकारियों के खिलाफ संघर्ष किया। वे कूर्ग की स्वतंत्रता की प्रतीक थीं और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
टंकीर बानो ने सिख साम्राज्य के समय ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया। वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ गुप्त क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थीं।
कृष्णा बेन ने 1857 के विद्रोह के दौरान अहमदाबाद में ब्रिटिशों के खिलाफ संघर्ष किया। वे एक प्रमुख क्रांतिकारी नेता थीं जिन्होंने अपनी वीरता से प्रेरित किया।
सिंहाजी ने 19वीं सदी में सिख साम्राज्य के खिलाफ ब्रिटिश शासन की योजनाओं को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संस्कृति और स्वाधीनता की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
रानी गोसाईं ने 17वीं सदी में अपनी प्रजा की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कई लड़ाइयों का नेतृत्व किया। वे एक साहसी और बलिदानी महिला के रूप में जानी जाती हैं।