कंप्यूटर के आविष्कार के पीछे का मूल विचार जटिल गणनाओं को तेजी और सटीकता से करना था। शुरू में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक गणनाओं, मिलिट्री और बिजनेस कार्यों के लिए किया जाता था।
समय के साथ कंप्यूटर ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली।जानिए कंप्यूटर अविष्कार की कहानी। कैसे बना पहला कंप्यूटर, कहां से आया आइडिया?
फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1642 में पहला मेकैनिकल कैलकुलेटर बनाया, जिसे "पास्कलिन" कहा गया। यह मशीन केवल जोड़-घटाव कर सकती थी, लेकिन इसने गणनाओं के लिए एक नया रास्ता खोला।
अंग्रेजी गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने 1837 में एनालिटिकल इंजन की योजना बनाई। यह पहला ऐसा उपकरण था जो जटिल गणना करने में सक्षम था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह पूरा नहीं किया गया।
अमेरिका के हरमन होलरिथ ने 1890 में जनगणना डेटा के लिए एक पंच कार्ड मशीन बनाई। इस मशीन ने डेटा को स्टोर करने के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया, जो बाद में कंप्यूटर तकनीक का आधार बना।
1940 के दशक में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कंप्यूटर विकास में तेजी आई। जर्मनी ने एनीग्मा मशीन का उपयोग किया जो गुप्त संदेशों को एन्क्रिप्ट करने के लिए थी, जिससे इसको बढ़ावा मिला।
1946 में पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ENIAC (इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर) बनाा। यह विशाल मशीन गणनाओं को तेजी से करता था। इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब का उपयोग हुआ।
1947 में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ, जिसने कंप्यूटरों को छोटा और प्रभावी बनाया। ट्रांजिस्टर ने वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर कार्य किया, जिससे कंप्यूटर का आकार और ऊर्जा की खपत घटी।
1971 में इंटेल ने पहला माइक्रोप्रोसेसर 4004 लॉन्च किया। यह इंटीग्रेटेड सर्किट में सभी कंप्यूटर कार्यों को संभालने में सक्षम था, जिससे पर्सनल कंप्यूटरों का युग शुरू हुआ।
भारत ने भी कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिये हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर में इनोवेशन किया, जिससे देश की टेक्नोलॉजी कैपिसिटी बढ़ी।