डॉक्टर बनने का सफर लंबा और मेहनतभरा होता है, जिसमें 12वीं के बाद नीट परीक्षा पास करने से लेकर एमबीबीएस और इंटर्नशिप तक कई चरण शामिल होते हैं।
डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम में पूरी करनी होती है। इसमें फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बायोलॉजी अनिवार्य विषय होने चाहिए।
12वीं के बाद, आपको नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा देनी होती है। यह प्रवेश परीक्षा आपको मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए आवश्यक होती है।
नीट परीक्षा पास करने के बादआपको एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी) कोर्स में दाखिला लेना होता है। यह कोर्स 5 साल का होता है।
एमबीबीएस कोर्स पूरा होने के बाद, कैंडिडेट को 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है। इस दौरान वे अस्पताल में काम करके प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस प्राप्त करते हैं।
इंटर्नशिप के बाद आपको मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से लाइसेंस प्राप्त करना होता है। यह लाइसेंस आपको डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करने की अनुमति देता है।
यदि आप मेडिकल के किसी विशेष फील्ड में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, तो आपको पोस्ट-ग्रेजुएशन (MD/MS) करनी होती है। यह कोर्स 3 साल का होता है।
पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद, आप विशेषज्ञ डॉक्टर बन जाते हैं और अपने चुने हुए फील्ड में एक्सपर्टीज हासिल कर आगे बढ़ सकते हैं।
एक्सपर्ट डॉक्टर बनने की इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 10-12 साल का समय लगता है और इसमें बहुत मेहनत, समर्पण और धैर्य की आवश्यकता होती है।