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पकड़ में आया IAS पूजा खेडकर का एक और कांड, UPSC Exam में मिला ब्लंडर

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ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर के दो नामों का खुलासा

महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर, पर सत्ता के गलत इस्तेमाल और विकलांगता और ओबीसी कोटा में हेरफेर के लिए विवादों में हैं, कथित तौर पर उनके नाम को लेकर नया खुलासा हुआ है।

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दो अलग-अलग नामों का इस्तेमाल

आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर ने दो अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया था - खेडकर पूजा दीलीपराव ​​और पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर।

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2019 की यूपीएससी परीक्षा में खेडकर पूजा दीलीपराव था नाम

2019 में सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में, आईएएस ट्रेनी का नाम खेडकर पूजा दीलीपराव था और एसएआई में उनकी नियुक्ति भी पीडब्ल्यूबीडी, ओबीसी के साथ इसी नाम पर हुई थी।

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यूपीएससी 2022 में बदला नाम- पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर

वहीं यूपीएससी 2022 में आईएएस के रूप में उनका सेलेक्शन पीडब्ल्यूबीडी-मल्टीपल डिसएबिलिटी कैटेगरी के तहत पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के नाम से हुआ।

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क्या है आईएएस पूजा खेडकर का असली नाम

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, मुंबई पीठ के 23 फरवरी, 2023 के आदेश में आवेदक के रूप में उनका नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर बताया गया था।

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पूजा खेडकर पर फर्जी सर्टिफिकेट के इस्तेमाल का आरोप

पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जिन पर यूपीएससी सेलेक्शन के लिए फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट और ओबीसी कैटेगरी बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया गया है।

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पूजा खेडकर ने जमा किये थे दो मेडिकल सर्टिफिकेट

खेडकर ने पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी के तहत यूपीएससी को दो मेडिकल सर्टिफिकेट जमा किए थे, एक दृश्य हानि के लिए और दूसरा मानसिक बीमारी के लिए।

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तीसरे विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए भी किया आवेदन

अगस्त 2022 में खेडकर ने लोकोमोटर विकलांगता के लिए औंध अस्पताल सहित पुणे के अस्पतालों से तीसरे विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन हॉस्पिटल ने खारिज कर दिया था।

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पूजा खेडकर के फर्जी सर्टिफिकेट के अलावा इन मामलों की भी जांच

पूजा खेडकर फर्जी सर्टिफिकेट के अलावा लाल-नीली बत्ती वाली ऑडी कार, वीआईपी नंबर प्लेट के इस्तेमाल, निजी कार पर सरकारी लोगो लगाने के मामले में भी जांच के दायरे में हैं।

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