IIT-जेईई परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों छात्र आईआईटी-जेईई परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ हजार ही सफल हो पाते हैं।
परीक्षा में सफल होने के बाद, छात्र देश भर के विभिन्न आईआईटी संस्थानों में एडमिशन लेते हैं। लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो बीच में ही आईआईटी छोड़ देते हैं। और अलग राह बनाते हैं।
ऐसे ही एक छात्र चित्रांग मुर्डिया, जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए आईआईटी बॉम्बे को छोड़ दिया। चित्रांग मुर्डिया जेईई एडवांस्ड 2014 में एआईआर-1 हासिल करने में सफल रहे थे।
लेकिन उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में फिजिक्स की पढ़ाई करने के लिए आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस कोर्स छोड़ने का फैसला किया।
सिर्फ एक साल बाद IIT छोड़ने के फैसले के पीछे का कारण बताते हुए चित्रांग मुर्डिया ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे पोस्ट में कहा, कि इस फैसले से हर कोई हैरान था। इसमें मेरे दोस्त भी शामिल थे।
लोग कहते थे कि तुम बच्चे हो और अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेना नहीं जानते और आईआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद लाखों में कमाओगे।
चित्रांग मुर्डिया के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने 2018 में एमआईटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। 2023 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से पीएचडी की।
चित्रांग मुर्डिया ने एक बार कहा था कि आईआईटी छोड़ने और अपने सपने को पूरा करने का उनका फैसला छात्रों को प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा था कि मैंने देखा है कि जो छात्र फिजिक्स और मैथ्स में अच्छे हैं वे कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन पाने के लिए भीड़ को फॉलो कर रहे हैं।
यह निश्चित रूप से उन छात्रों के मनोबल को बढ़ाएगा जो पूरी तरह से साइंस में अपनी रुचि के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन परिवार के दबाव या पैसे के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं।