Education

लाला केदारानाथ अग्रवाल कौन थे? छोटी दुकान को बनाया बीकानेरवाला ब्रांड

Image credits: social media

दिल्ली की सड़कों से हुई शुरुआत

बीकानेरवाला की स्थापना से पहले पुरानी दिल्ली की सड़कों पर बाल्टी में भुजिया और रसगुल्ला बेचने वाले लाला केदारनाथ अग्रवाल का 13 नवंबर को निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे।

Image credits: social media

1905 से एक मिठाई की दुकान

बीकानेर के केदारनाथ अग्रवाल के परिवार के पास 1905 से शहर की सड़कों पर एक मिठाई की दुकान थी। दुकान का नाम बीकानेर नमकीन भंडार था। यहां कुछ प्रकार की मिठाइयां, स्नैक्स बेची जाती थी।

Image credits: social media

पारिवारिक नुस्खा शहर में ले आए

काकाजी की महत्वाकांक्षाएं बड़ी थीं, 50 के दशक की शुरुआत में अपने भाई सत्यनारायण अग्रवाल के साथ दिल्ली चले गए और अपना पारिवारिक नुस्खा शहर में ले आए।

Image credits: social media

कागज की पुड़िया में भुजिया और बाल्टी में रसगुल्ला

पुरानी दिल्ली की सड़कों पर उन्हें अपनी मिठाई और नमकीन बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। शुरुआत में कागज की पुड़िया में भुजिया और बाल्टी में रसगुल्ला भर कर बेचते थे।

Image credits: social media

दिल्ली के लोगों को भाया स्वाद

बीकानेर के अनूठे स्वाद को जल्द ही दिल्ली के लोगों के बीच पहचान मिल गई।भारत में इसके 60 से अधिक आउटलेट और अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल, यूएई जैसे देशों में इसकी उपस्थिति है।

Image credits: social media

चांदनी चौक में दुकान

बाद में अग्रवाल बंधुओं ने दिल्ली के चांदनी चौक में एक दुकान खोली, जहां वे पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे अपने पारिवारिक व्यंजनों को बेचा करते थे।

Image credits: social media

मूंग दाल हलवा, बीकानेरी भुजिया

बीकानेर नमकीन भंडार जल्द ही अन्य चीजों के अलावा अपने मूंग दाल हलवा, बीकानेरी भुजिया और काजू कतली के लिए प्रसिद्ध हो गया। 

Image credits: social media

स्वाद को समृद्ध करने वाले काकाजी

काकाजी के नाम से मशहूर अग्रवाल का निधन एक ऐसे युग का अंत है जिसने स्वाद को समृद्ध किया और अनगिनत जिंदगियों को प्रभावित किया।

Image credits: social media